कृषि मंत्री ने किया बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति-2020 एवं प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना का उद्घाटन

फुलवारी शरीफ। बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति, 2020 के अंतर्गत दो परियोजनाओं को सैद्धांतिक स्वीकृति मिली है। कृषि उद्यमिता में एक नई पहल करते हुए बिहार सरकार के कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने सोमवार को कृषि व्यवसाय क्षेत्र का समग्र विकास करने और बढ़ावा देने के लिए बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति-2020 एवं केन्द्र सरकार द्वारा संपोषित प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना पर बामेती, पटना में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया।
कार्यक्रम में मंत्री द्वारा हिमांशु कुमार, मे. सुरू फूड एंड वेबरेजेज लि., पूर्वी चंपारण तथा चन्दनदीप कुमार, मे. सियाराम मसाला लि., बेगूसराय को बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति के अन्तर्गत पूंजीगत अनुदान का सैद्धांतिक सहमति पत्र दिया गया। कार्यशाला में बिहार के विभिन्न जिलों से आये जिला उद्यान पदाधिकारी, कृषि उद्योग निवेशक, कृषि व्यवसायी एवं अन्य हितधारकों द्वारा दोनों योजनाओं के प्रेजेंटेशन के दौरान बारीक पहलुओं पर चर्चा की गयी। इस अवसर पर कृषि व्यवसायियों के प्रोत्साहन हेतु मखाना, शहद, मशरूम, चाय आदि से संबंधित कई स्टॉल लगाये गये।
कृषि मंत्री ने कहा कि बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति का मुख्य उद्देश्य कृषि व्यवसाय क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना, एक अनुकूल वातावरण तैयार करना, प्रसंस्करण के स्तर को बढ़ाना एवं मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देना है। कुल 24 परियोजनाएं लाभान्वित होने के भिन्न स्तरों पर हैं, जिनका कुल परियोजना लागत 13773.59 लाख रुपए है। इसके लिए 2 परियोजनाओं, जिनका कुल परियोजना लागत 570.49 लाख रूपये है, को 64.26 लाख रूपये का पूंजीगत अनुदान के लिए सैद्धांतिक स्वीकृति दी गयी है। मंत्री ने कहा कि पात्रता रखने वाले व्यक्तिगत निवेशकों के लिए परियोजना लागत का 15 प्रतिशत एवं किसान उत्पादक कंपनियों के लिए 25 प्रतिशत क्रेडिट लिंक्ड पूंजीगत अनुदान का प्रावधान है। राज्य में अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति एवं अति पिछड़ा वर्ग के निवेशकों के लिए उक्त श्रेणियों में 5 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान का प्रावधान है तथा महिला उद्यमी, दिव्यांग, युद्ध विधवा, एसीड अटैक पीड़ित एवं तीसरे लिंक के उद्यमी के लिए 2 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान का प्रावधान है।


वहीं उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा संपोषित प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना का मुख्य लक्ष्य असंगठित क्षेत्र में सूक्ष्म खाद्य उद्योगों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु पूंजी निवेश सहायता प्रदान करना एवं उनकी क्षमता बढ़ाना ह। इस योजना के अंतर्गत अब तक कुल 363 उद्यमियों ने निवेश हेतु आॅनलाईन के माध्यम से आवेदन किया है, जिसमें से कुल 53 निवेशकों का आवेदन बैंको को अग्रसारित किया जा चुका है। उन्होंने नाबार्ड के प्रतिनिधि से बैंकों को अग्रसारित परियोजनाओं को पारित करने में मदद करने को कहा।
कृषि विभाग के सचिव डॉ. एन. सरवण कुमार ने कहा कि इन योजनाओं से उद्यमी किसानों, कृषि क्षेत्र के निवेशकों को लाभ मिलना शुरू हो गया है और इसमें तेजी लाने का प्रयास किया जा रहा है। इस बैठक में बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति के अंतर्गत चिन्हित सात सेक्टर के कृषि उद्यमियों के आॅनलाईन आवेदन प्रणाली से प्राप्त प्रस्तावों की समीक्षा की गई।
वहीं नन्द किशोर, निदेशक, उद्यान ने अपने स्वागत संबोधन में कहा कि विभाग व्यक्तिगत उद्यमियों, स्वयं सहायता समूह, किसान उत्पादक संगठनों एवं सहकारी संस्थाओं को फोकस कर रही है और उनको इन योजनाओं से लाभ लेने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है। कार्यशाला में धन्यवाद ज्ञापन संयुक्त निदेशक उद्यान आभांशु सी. जैन के द्वारा की गई। इस अवसर पर संयुक्त सचिव शैलेन्द्र कुमार, मंत्री के आप्त सचिव अनिल कुमार, मखाना अनुसंधान संस्थान, दरभंगा के प्रधान डॉ. इन्दुशेखर सिंह, नाबार्ड के सहायक महाप्रबंधक सहित कृषि विभाग के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

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