बाढ़ : बच्चों के निवाले से हो रही खिलवाड़, नए एमडीएम योजना का हाल बुरा

  • गैस सिलेंडर रहते जलावन पर बनाया जा रहा खाना
  • ग्रामीण दुकानदार से हर दिन आता है सामान 

बाढ़। कोविड-19 संक्रमण का कहर कम होने के साथ ही बिहार सरकार ने एमडीएम योजना को फिर से विद्यालय में चालू करने का मुहिम छेड़ा। जिसके तहत नए नियम कानून बनाए गए। मध्यान्ह भोजन योजना से विद्यालय के प्रधानाध्यापक को अलग-थलग करते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया कि एमडीएम प्रभारी के देखरेख में प्रखंड के तमाम विद्यालयों में मध्यान भोजन योजना संचालित की जाएगी। विद्यालय प्रबंधन वेंडर के माध्यम से जलावन से लेकर नमक व तेल तक की व्यवस्था करेगी। लेकिन 2 महीना गुजर जाने के बावजूद भी यह योजना अभी तक धरातल पर सही तरीके से नहीं उतर पाया है।
पंडारक प्रखंड के उत्तर माध्यमिक विद्यालय कोंदी में मध्यान्ह भोजन योजना का हाल बेहाल दिखा। मंगलवार के दिन गैस सिलेंडर रहते हुए जलावन पर रसोईया के द्वारा खाना बनाया जा रहा था। वहीं मेन्यू से भी खिलवाड़ का मामला सामने आया। इस बाबत जब प्रभारी प्रधानाध्यापक कृष्ण मुरारी कुमार सिंह से बात की गई तो उन्होंने स्पष्ट तौर पर बताया कि अभी तक वेंडर के माध्यम से सामान उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। अगले महीने से व्यवस्था पटरी पर लौटेगी।
जबकि विद्यालय में खाना बना रही रसोईया ने बताया कि बिना प्रमाणिकता वाले और बिना जीएसटी वाले ग्रामीण दुकानदार से ही हर दिन सामान आया करता है। विद्यालय प्रबंधन जिस तरह से सामान हमें मुहैया कराते हैं, उसी तरीके से हमें खाना बनाना पड़ता है। जलावन पर खाना बनाने से काफी परेशानी होती है लेकिन विद्यालय प्रबंधन इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। जब इस बाबत एमडीएम प्रभारी शिवपूजन कुमार से पूछा तो उन्होंने बताया कि इस तरह की शिकायत मिलने पर जांच होगी और विद्यालय प्रबंधन के खिलाफ विभाग को लिखा जाएगा।

About Post Author

You may have missed