कोलकाता में भारतीय करेंसी पर नेताजी की तस्वीर की मांग, स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी का योगदान राष्ट्रपिता से कम नहीं था : अखिल भारत हिंदू महासभा

कोलकाता। अखिल भारत हिंदू महासभा ने भारतीय करेंसी पर महात्मा गांधी की जगह नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर छापने की मांग की है। वही हिंदू महासभा का तर्क है कि स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी का योगदान राष्ट्रपिता से कम नहीं था। जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में हिंदू महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष चंद्रचूड़ गोस्वामी ने ये बातें कहीं। वही उन्होंने कहा कि यह नेताजी सुभाष चंद्र बोस को सम्मानित करने का सबसे अच्छा तरीका है। वही गोस्वामी ने कहा की भारतीय करेंसी पर गांधीजी की तस्वीर हटाकर सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर लगानी चाहिए।
तृणमूल कांग्रेस ने की आलोचना
बता दे की गोस्वामी के इस मांग को लेकर तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के नेताओं ने निशाना साधा है। वही इन पार्टियों का मानना है कि इन सब के पीछे BJP है। BJP को बंगाल में विभाजनकारी राजनीति को बंद कर देना चाहिए। वही कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि देश की आजादी में गांधी जी की अहम भूमिका थी। हम सभी जानते हैं कि राष्ट्रपिता की हत्या के पीछे किसका हाथ था। वही उन्होंने कहा कि गांधी जी के आदर्शों की रोज हत्या हो रही है।
वही हिंदू महासभा की मांग पर पश्चिम बंगाल BJP के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि ऐसे मुद्दों को किसी विशेष समुदाय या धर्म के चश्मे से नहीं देखना चाहिए।
बंगाल में पंचायत चुनाव लड़ेंगे गोस्वामी
वही बता दे की गोस्वामी ने पश्चिम बंगाल में होने वाले पंचायत चुनाव लड़ने का फैसला किया है। वही उन्होंने कहा कि राज्य में हिंदू बंगालियों पर रोज हमले हो रहे हैं। उनकी रक्षा करने में न तो तृणमूल कांग्रेस सक्षम है और न ही BJP। हम उनके अधिकारों के लिए लड़ेगे। वही आगे गोस्वामी ने कहा कि BJP ने बंगाल विभाजन की मांग की है, हम उसका समर्थन नहीं करते। हम राज्य को मजबूत करने की दिशा में काम करेंगे। वहीं BJP के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी मतदाताओं को किसी विशेष समुदाय या धर्म के चश्मे से नहीं देखती है। वही हाल ही कोलकाता के एक दुर्गा पंडाल में महिषासुर की जगह गांधी जी को दिखाया गया था। जिसको लेकर काफी हंगामा भी हुआ। यह पूजा पंडाल अखिल भारत हिंदू महासभा की ओर से ही बनाया गया था। बता दे की तृणमूल कांग्रेस, BJP, CPI-M और कांग्रेस सहित सभी राजनैतिक दलों ने इसकी आलोचना की थी। हालांकि बाद में प्रतिमा को बदल दिया गया था। वही इस विवाद पर गोस्वामी ने कहा कि महिषासुर के रूप में गांधीजी का चित्रण अनजाने में हुआ था।

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