November 14, 2025

प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी, पटना में येलो अलर्ट, 7 अक्टूबर के थमेगा का बारिश का दौर

पटना। बिहार में मानसून के आख़िरी चरण में एक बार फिर बारिश ने दस्तक दे दी है। राज्यभर में आसमान पर घने बादल छाए हुए हैं और कई इलाकों में झमाझम बारिश का सिलसिला जारी है। मौसम विज्ञान केंद्र, पटना ने सोमवार को प्रदेश के 32 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी करते हुए सावधानी बरतने की अपील की है। विभाग के अनुसार, 7 अक्टूबर तक बिहार के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है, जबकि कुछ इलाकों में तेज बारिश भी हो सकती है। हालांकि, मौसम वैज्ञानिकों ने यह भी स्पष्ट किया है कि 7 अक्टूबर के बाद बारिश का दौर धीरे-धीरे थम जाएगा और प्रदेश में मौसम में स्पष्ट बदलाव देखने को मिलेगा।
कई जिलों में लगातार हो रही बारिश, बढ़ी ठंडक
राजधानी पटना समेत राज्य के ज्यादातर इलाकों में रविवार रात से ही बादल छाए हुए हैं। सोमवार को दिनभर आसमान में घने बादल छाए रहने की संभावना है। पटना में दोपहर और शाम के बीच हल्की बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग ने बताया कि राजधानी का अधिकतम तापमान 30 से 31 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 23 से 24 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा। बारिश और बादलों की वजह से तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की जा सकती है। रात में लोगों को हल्की गुलाबी ठंड का एहसास होने लगा है, जो आगामी दिनों में और बढ़ेगा।
कोसी बराज से पानी छोड़े जाने के बाद बढ़ा बाढ़ का खतरा
मौसम की इस करवट के बीच, उत्तर बिहार के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। रविवार देर शाम को कोसी बराज से 5 लाख 19 हजार 470 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किए जाने के बाद सुपौल, अररिया, मधेपुरा और आसपास के निचले इलाकों में पानी फैल गया है। कई गांवों में नदी का पानी खेतों और सड़कों में घुसने लगा है। वहीं, किशनगंज में भी नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे लोगों की चिंता बढ़ गई है। प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में निगरानी बढ़ा दी है और लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
7 अक्टूबर तक बना रहेगा बारिश का प्रभाव
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, 6 और 7 अक्टूबर को बिहार में बारिश की स्थिति यथावत बनी रहेगी। दक्षिण बिहार के कुछ हिस्सों—जैसे गया, नवादा, औरंगाबाद और जमुई—में हल्की वर्षा हो सकती है, जबकि उत्तर बिहार के सीमांचल और तिरहुत क्षेत्रों में मध्यम स्तर की बारिश जारी रहने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि उत्तर बिहार के ऊपर बना निम्न दबाव का क्षेत्र अब धीरे-धीरे कमजोर पड़ रहा है, लेकिन इससे जुड़ा चक्रवाती परिसंचरण अब भी उत्तर-पूर्व बिहार और झारखंड के ऊपर लगभग 4.5 किलोमीटर की ऊँचाई तक सक्रिय है। यही कारण है कि अगले दो दिनों तक बारिश की स्थिति बनी रह सकती है।
झारखंड से उत्तर ओडिशा तक बनी द्रोणिका
मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि वर्तमान में झारखंड से उत्तर ओडिशा तक एक द्रोणिका बनी हुई है, जो नमी के प्रवाह को लगातार सक्रिय बनाए हुए है। इस द्रोणिका के प्रभाव से बिहार के दक्षिणी हिस्सों—विशेष रूप से गया, नालंदा, लखीसराय और मुंगेर—में हल्की बारिश या बूंदाबांदी जारी रह सकती है। हालांकि, यह प्रणाली 8 अक्टूबर तक कमजोर पड़ जाएगी, जिसके बाद पूरे राज्य में मौसम पूरी तरह शुष्क होने की संभावना है।
8 अक्टूबर से साफ़ आसमान, 11 अक्टूबर तक बढ़ेगा तापमान
मौसम विभाग का अनुमान है कि 8 अक्टूबर से बिहार के अधिकांश हिस्सों में बारिश पूरी तरह थम जाएगी और आसमान साफ़ रहेगा। अगले तीन से चार दिनों में दिन का तापमान 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है। यानी सुबह और रात के समय हल्की ठंडक तो बनी रहेगी, लेकिन दिन में धूप की तपिश धीरे-धीरे लौट आएगी। 11 अक्टूबर तक पूरे राज्य में एक भी बूंद बारिश की संभावना नहीं है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यह परिवर्तन उत्तर-पूर्वी मानसून की वापसी का संकेत है।
किसानों के लिए राहत और चुनौती दोनों
इस बारिश से जहां किसानों को धान की फसल के लिए नमी मिलने की राहत है, वहीं कटाई के लिए तैयार फसलें बारिश से प्रभावित हो सकती हैं। कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि वे कटाई की प्रक्रिया को फिलहाल कुछ दिनों के लिए रोक दें और 8 अक्टूबर के बाद जब मौसम पूरी तरह साफ हो जाए, तभी खेतों में उतरें। बिहार में अक्टूबर की शुरुआत बारिश भरे मौसम के साथ हुई है। 7 अक्टूबर तक हल्की से मध्यम बारिश और बाढ़ की आशंका वाले क्षेत्रों में सतर्कता की जरूरत बनी रहेगी। इसके बाद प्रदेश में मौसम का रुख बदल जाएगा—बारिश थमेगी, आसमान साफ़ होगा और धीरे-धीरे ठंड का आगमन महसूस होने लगेगा। मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार, आम लोगों को आने वाले दो दिनों तक अनावश्यक यात्रा से बचने, बिजली के खंभों और पेड़ों से दूर रहने, तथा स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है। 7 अक्टूबर के बाद बिहार में मानसून की विदाई का क्रम शुरू हो जाएगा, और राज्य एक बार फिर ठंडी सुबहों और साफ़ दोपहरों की ओर बढ़ेगा।

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