घरेलू क्रिकेट खेलने पर ही खिलाड़ियों को टीम इंडिया में मिलेगी एंट्री, रोहित और विराट पर बड़े संकेत, बीसीसीआई का ऐलान
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए यह स्पष्ट किया है कि अब राष्ट्रीय टीम में चयन के लिए घरेलू क्रिकेट खेलना अनिवार्य होगा। इस फैसले ने न केवल टीम इंडिया की चयन प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाया है, बल्कि वरिष्ठ खिलाड़ियों जैसे विराट कोहली और रोहित शर्मा के भविष्य को लेकर भी चर्चाओं को तेज कर दिया है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच होने वाली आगामी वनडे सीरीज से पहले घोषित टीम में दोनों खिलाड़ियों को शामिल किया गया है, लेकिन उनके करियर की दिशा अब इस नए नियम से जुड़ गई है।
वनडे फॉर्मेट में सीमित रह गया करियर
विराट कोहली और रोहित शर्मा पहले ही टेस्ट और टी20 फॉर्मेट से संन्यास ले चुके हैं। इस समय उनका ध्यान पूरी तरह वनडे क्रिकेट पर केंद्रित है। हालांकि, मौजूदा क्रिकेट कैलेंडर में भारत बहुत कम वनडे मैच खेल रहा है, जिससे उनके भविष्य पर सवाल खड़े हो रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि उन्हें निरंतर मैच अभ्यास नहीं मिलेगा, तो उनकी फॉर्म और फिटनेस पर असर पड़ सकता है। दोनों खिलाड़ी 2027 वर्ल्ड कप तक टीम का हिस्सा बने रहना चाहते हैं, लेकिन बीसीसीआई ने इस पर कोई गारंटी नहीं दी है।
चयन समिति का सख्त रुख
बीसीसीआई की चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर ने टीम की घोषणा करते हुए साफ कहा कि राष्ट्रीय टीम से बाहर रहने वाले या चयन के लिए उपलब्ध खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट खेलेंगे। उनका कहना है कि अब किसी भी खिलाड़ी को विशेष छूट नहीं दी जाएगी। चाहे खिलाड़ी कितना भी बड़ा नाम क्यों न हो, चयन का आधार केवल फॉर्म और फिटनेस रहेगा। इसका मतलब यह है कि विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे वरिष्ठ खिलाड़ियों को भी घरेलू स्तर पर प्रदर्शन करना होगा ताकि वे अपनी जगह बनाए रख सकें।
घरेलू क्रिकेट का महत्व बढ़ा
बीसीसीआई के इस निर्णय का सबसे बड़ा प्रभाव यह हुआ है कि घरेलू क्रिकेट की अहमियत फिर से बढ़ गई है। रणजी ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी जैसे टूर्नामेंट अब केवल युवा खिलाड़ियों के लिए नहीं, बल्कि वरिष्ठ सितारों के लिए भी जरूरी बन गए हैं। बीसीसीआई का मानना है कि घरेलू क्रिकेट खेलने से खिलाड़ियों की मैच फिटनेस बनी रहती है और उन्हें युवा खिलाड़ियों के साथ खेलने का अनुभव भी मिलता है, जो टीम इंडिया के भविष्य के लिए फायदेमंद होगा।
रोहित और विराट पर बढ़ा दबाव
यह निर्णय विराट कोहली और रोहित शर्मा के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। दोनों खिलाड़ियों ने पिछले कुछ वर्षों में सीमित ओवरों में शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन उम्र के इस पड़ाव पर उन्हें लगातार फॉर्म बनाए रखना आसान नहीं होगा। घरेलू क्रिकेट खेलने से उन्हें अतिरिक्त परिश्रम करना पड़ेगा, खासकर तब जब अंतरराष्ट्रीय शेड्यूल पहले से ही व्यस्त रहता है। वहीं, युवा खिलाड़ियों की बढ़ती प्रतिस्पर्धा भी उनके लिए दबाव का कारण बन सकती है।
इरफान पठान की अपील
टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान ने भी बीसीसीआई के इस फैसले का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि रोहित और विराट जैसे अनुभवी खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट में लगातार हिस्सा लेना चाहिए। ऐसा करने से न केवल उनकी फॉर्म बरकरार रहेगी, बल्कि वे युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बनेंगे। इरफान का मानना है कि जब सीनियर खिलाड़ी घरेलू स्तर पर खेलते हैं, तो इसका सीधा फायदा भारतीय क्रिकेट के ढांचे को होता है, क्योंकि इससे प्रतिस्पर्धा और गुणवत्ता दोनों बढ़ती हैं।
2027 वर्ल्ड कप की तैयारी का संकेत
भले ही बीसीसीआई ने रोहित-विराट के भविष्य पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन क्रिकेट जगत में यह चर्चा तेज है कि बोर्ड अब धीरे-धीरे युवा खिलाड़ियों को तैयार करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। शुभमन गिल, रुतुराज गायकवाड़, ईशान किशन और ऋतुराज जैसे खिलाड़ी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं, जो आने वाले वर्षों में टीम इंडिया की रीढ़ बन सकते हैं। ऐसे में 2027 वर्ल्ड कप तक रोहित और विराट को टीम में बनाए रखना एक संतुलन का मामला बन गया है।
ऑस्ट्रेलिया सीरीज से तय होगी दिशा
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच होने वाली आगामी वनडे सीरीज दोनों दिग्गजों के करियर की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। यदि वे इस सीरीज में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उनके वनडे करियर को नई ऊर्जा मिल सकती है। लेकिन यदि प्रदर्शन कमजोर रहा, तो चयनकर्ता नई दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। बीसीसीआई का घरेलू क्रिकेट अनिवार्य करने का फैसला भारतीय क्रिकेट में एक सकारात्मक बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। इससे चयन प्रक्रिया अधिक निष्पक्ष और प्रतिस्पर्धी बनेगी। वहीं, रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों के लिए यह एक नया अध्याय है, जहां उन्हें अपने अनुभव और फिटनेस से साबित करना होगा कि वे अभी भी टीम इंडिया के लिए अपरिहार्य हैं। यह फैसला न केवल खिलाड़ियों के करियर बल्कि भारतीय क्रिकेट के भविष्य को भी नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है।


