बिहार चुनाव के पहले कांग्रेस का बड़ा फैसला : 15 दिनों में दो नेताओं का निलंबन रद्द, शकील अहमद की भी हुई वापसी

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासी गतिविधियां चरम पर है। इसी बीच कांग्रेस पार्टी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री शकील अहमद का निलंबन रद्द करने की घोषणा की है। पिछले साल लोकसभा चुनाव में शकील अहमद मधुबनी लोकसभा सीट से कांग्रेस का टिकट चाहते थे। हालांकि, महागठबंधन में सीटों के बंटवारे के बाद उनके हाथ खाली रह गए थे, जिसके बाद वे निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े थे। इसके कारण उन्हें पार्टी से छह साल के लिए निलंबित कर दिया गया था। बता दें 18 अगस्त को बेनीपट्टी विधानसभा से कांग्रेस विधायक भावना झा का निलंबन वापस ले लिया गया था। भावना झा पर निर्दलीय प्रत्याशी शकील अहमद को चुनाव में पार्टी लाईन से हटकर प्रचार-प्रसार करने का आरोप लगा था। जिसके बाद कांग्रेस ने छह साल के लिए उन्हें निलंबित कर दिया था।
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस द्वारा शकील अहमद के निलंबन को वापस लेने की घोषणा को विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। शकील अहमद बिहार में एक बड़े मुस्लिम चेहरे के रूप में गिने जाते हैं। कांग्रेस में रहते हुए उन्होंने लगातार भाजपा पर हमलावर तेवर अपनाए रखा था, वो कांग्रेस पार्टी की तरफ से बीजेपी से सवाल उठाते रहे थे।
खास बात यह है कि पिछले साल सितंबर में शकील अहमद ने सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। इसके बाद से ही उनकी कांग्रेस में वापसी की अटकलें लगती रही। आखिरकार विधानसभा चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस पार्टी ने शकील अहमद का निलंबन रद्द करने का फैसला लिया है। माना जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी विधानसभा चुनाव में शकील अहमद को बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है।

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