राष्ट्रीय बालिका दिवस पर मसौढ़ी में कार्यशाला का आयोजन, उनके अधिकार से कराया गया रूबरू

पटना। राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी में बेटियों को उनके अधिकार के प्रति जागरूक करने व समाज में उनकी स्थिति को ठीक करने के लिए राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर मसौढ़ी में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बता दे की बेटियों को उनके सम्मान व अधिकारों के प्रति जागरूक करने को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया। वही इस कार्यक्रम में मसौढ़ी की दर्जनों गांव के सैकड़ों बच्चियों ने हिस्सा लिया। वही सिस्टर आशा ने बताया कि आज का दिन राष्ट्रीय बालिका दिवस इंदिरा गांधी के इतिहास से जुड़ा हुआ है। राष्ट्रीय बालिका दिवस के इतिहास व उसके थीम से जुड़ी जानकारियां सबों को दी गई। उन्होंने आगे बताया की भारत में राष्ट्रीय बालिका दिवस का इतिहास इंदिरा गांधी से जुड़ा हुआ है। इंदिरा गांधी ने देश के पीएम के तौर पर 24 जनवरी 1966 को शपथ ली थी और महिला सशक्तिकरण का एक बड़ा उदाहरण लोगों के सामने पेश किया था। सिस्टर ने बच्चियों को समझाते हुए कहा कि देश में ऐसा पहली बार हुआ था जब कोई महिला पीएम बनी थी। इसीलिए राष्ट्रीय बालिका दिवस के तौर पर 24 जनवरी के दिन को चुना गया व साल 2008 में महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से 24 जनवरी को भारत में राष्ट्रीय बालिका दिवस के तौर पर मनाने की शुरुआत हुई। इस कार्यक्रम का मकसद समाज में बेटियों को लेकर हो रहे भेदभाव को दूर करना और उन्हें बराबरी का दर्जा दिलाना है। इस दिन बेटियों को उनकी शक्ति सामर्थ्य के साथ उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने का दिन होता है। बेटियों को शारीरिक मानसिक व आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए भारत सरकार भी ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’, सुकन्या समृद्धि योजना और महिला सम्मान जैसी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं।

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