PATNA : कोरोना से हुई पति की मौत का सदमा नहीं झेल पायी पत्नी, गंगा में डूबकर दी जान, बच्चे हुए अनाथ

पटना। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में हो रही मौत इंसानों को अंदर से तोड़ती जा रही है। साथ ही दिमागी तौर पर कमजोर भी कर रही है। कुछ ऐसा ही मामला राजधानी पटना के पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र में सामने आया। पति की मौत का गम एक पत्नी बर्दाश्त नहीं कर सकी और सदमे में उसने गंगा में छलांग लगाकर अपनी जान दे दी। महिला का नाम मंजू देवी (46) है। इस घटना के बाद उसके दोनों बच्चे अनाथ हो गए। उनके सिर से पहले पिता और अब मां का साया हट गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मंजू देवी और उनके पति अजीत राय गोसाईं टोला में रामजानकी अपार्टमेंट के पीछे रहते थे। इन दोनों की 22 साल की बेटी प्रिया और 19 साल का बेटा अभिषेक है। अजीत राय पटना में ही तारामंडल के सामने स्थित सोना मेडिकल शॉप में काम करते थे। अचानक वे कोरोना संक्रमित हो गए। हालत गंभीर होने के बाद उन्हें इलाज के लिए बोरिंग रोड के श्रीराम हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। 24 अप्रैल को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इसके बाद से पूरा परिवार सदमे में है।
पति की मौत ने मंजू देवी को अंदर से तोड़ दिया था। वो पूरी तरह से बदहवास हो चुकी थीं। 25 अप्रैल की रात 1:30 बजे के करीब चुपचाप मंजू देवी अपने घर से निकल गई। उनके जाने के काफी देर बाद जब परिवार के ही किसी सदस्य ने उन्हें तलाशा तो वह घर के अंदर नहीं मिली। उसी वक्त से पूरा परिवार उन्हें खोजने में जुट गया। जब वह नहीं मिली तो फिर सोमवार की सुबह होने पर परिवार की तरफ से उनकी गुमशुदगी की जानकारी पाटलिपुत्रा थाना को दी गई। इसके बाद पुलिस छानबीन में जुटी ही थी कि सुबह 10 बजे के बाद किसी ने सदाकत आश्रम के सामने गंगा नदी के किनारे किसी महिला की लाश होने की जानकारी दी। जब उस सूचना को खंगाला गया तो वो कोई और नहीं, बल्कि मंजू देवी की ही लाश निकली। उनकी लाश को देख अब परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। शुरूआती छानबीन के बाद पुलिस ने लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। थानेदार के अनुसार सदमे में होने की वजह से मंजू देवी ने घाट पर गंगा नदी के जमे हुए पानी में ही डूबकर अपनी जान दे दी।

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