जदयू ने उठाई सुधाकर सिंह के इस्तीफे की मांग, प्रदेश प्रवक्ता बोले- मुख्यमंत्री के खिलाफ बोलने वाले का साथ मंजूर नहीं

पटना। बिहार विधानमंडल बजट सत्र का आज पहला दिन है। जो 5 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने बयान दिया कि हमारे नेता नीतीश कुमार जी के खिलाफ राजद विधायक सुधाकर सिंह की टिप्पणी का मतलब है वो महागठबंधन की सरकार के खिलाफ बोलना। इसका यह भी अर्थ है कि उन्हें अपने नेतृत्व लालू प्रसाद यादव जी और तेजस्वी यादव जी के फैसले पर भरोसा नहीं है। वो उन्हें भी कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। उनके ऐसे ही बयानों की वजह से उन्हें नोटिस दिया गया। उन्होंने जवाब दिया लेकिन उन पर कार्रवाई सुनिश्चित नहीं की गई है। अभिषेक झा ने कहा कि अब यह बात समझ से परे है की राजद की ऐसी क्या मजबूरी है कि भाजपा के ऐसे एजेंटों जयचंदों पर अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई है। हमारा ऐसा मानना है कि जो लोग महागठबंधन में रह कर भाजपा का एजेंडा साधने की कोशिश करते हैं उन्हें अविलंब बाहर करना चाहिए। क्योंकि महागठबंधन का निर्माण एक बड़े लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हुआ है और अपने नेता नीतीश कुमार के खिलाफ ऐसे बयानों को हम कतई बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। बिहार में किसान नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में शुरू हुआ किसान आंदोलन अब जोर पकड़ने लगा है। राकेश टिकैत के इस आंदोलन को नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह भी समर्थन कर रहे हैं। कैमूर में कल यानी 26 फरवरी सुधाकर सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ जोरदार हमला बोला और नीतीश को पीएम मोदी का मॉडिफाइड वर्जन बताया। सुधाकर सिंह ने कहा कि नीतीश को प्रधानमंत्री बनाने से बेहतर है कि देश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाए।

About Post Author

You may have missed