उपेन्द्र कुशवाहा की दूसरे चरण की विरासत बचाओ नमन यात्रा अरवल में हुआ समापन, नालंदा से हुई थी शुरुआत

पटना। रालोजद की विरासत बचाओ नमन यात्रा का सोमवार को समापन हो गया। बता दे की पार्टी के राष्ट्रीय अघ्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की अगुआई में दो चरणों में हुई इस यात्रा का समापन अरवल में हुआ। वही पार्टी नेता फजल इमाम मल्लिक ने यह जानकारी दी है। कुशवाहा ने अरवल में शोषितों और वंचितों के लिए संघर्ष करते हुए शहादत देने वाले बिहार के लेनिन जगदेव प्रसाद के स्मारक पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया और बड़ी जनसभा को संबोधित किया। वही कुशवाहा ने जगदेव प्रसाद की शहादत को याद करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा दबे-कुचले लोगों की आवाज पुरजोर तरीके से बुलंद की। वे हमेशा शोषकों के खिलाफ रहे और इसी वजह से उन्हें अपनी जान देनी पड़ी। अब हम पर यह जिम्मेदारी है कि उन्होंने जो विरासत हमें सौंपी है, उन हाथों में जाने नहीं दें जिन्होंने बिहार को अराजकता और अंधेरे में ढकेला था। वही कुशवाहा ने आगे कहा कि बिहार को अंधेरों से निकालने के लिए लव-कुश, अतिपिछड़ा, महादलित, अकलीयत और दूसरे समाज के लोगों ने नीतीश कुमार को 2005 में ताकत दी और सत्ता सौंपी। शुरुआत में नीतीश कुमार ने कर्पूरी ठाकुर और जगदेव प्रसाद के सपनों को लेकर चले और बिहार को अंधेरों से बाहर निकाला। लेकिन देख कर दु:ख होता है कि वे अब फिर से अपनी विरासत उन हाथों में ही सौपंना चाहते हैं, जिन हाथों ने बिहार के अराजकता और अंधेरे में ढकेला था। लेकिन राष्ट्रीय लोक जनता दल फिर से बिहार को उन हाथों में जाने नहीं देगा, हम इसका संकल्प फिर दोहराते हैं। वही मल्लिक ने बताया कि दो चरणों में हुई विरासत बचाओ नमन यात्रा 28 फरवरी को पश्चिम चंपारण के बापू आश्रम से शुरू हुई थी और पहला चरण 6 मार्च को सीवान में खत्म हुआ था। दूसरे चरण की शुरुआत 15 मार्च को नालंदा से शुरू हुई थी। जिसका समपान सोमवार को अरवल में हुआ। वही इस दौरान कुशवाहा ने करीब 30 जिलों में सैंकड़ों सभाओं में लोगों से संवाद किया और उनसे बिहार को अराजक हाथों में जाने से बचाने के लिए साथ आने का अनुरोध किया। वही इस यात्रा के दौरान JDU सहित दूसरे दलों के सैंकड़ों नेताओं ने कुशवाहा की नीतियों का स्वागत किया और रालोजद में शामिल हुए।

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