पुण्यतिथि पर याद किए गए शहनाई नवाज भारतरत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां, नवल किशोर बोले- शहनाई सभी वादनों की गंगा है

  • बिस्मिल्लाह खां लीडरशिप कांफ्रेंस सह लीडरशिप अवॉर्ड एवं कोरोना वॉरियर्स सम्मान-2021 का आयोजन

पटना। शहनाई नवाज भारतरत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां साहब की पुण्यतिथि के अवसर पर शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खां ट्रस्ट के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय “बिस्मिल्लाह खां लीडरशिप कांफ्रेंस सह लीडरशिप अवॉर्ड एवं कोरोना वॉरियर्स सम्मान-2021” का आयोजन पटना के कालीदास रंगालय में संपन्न हुआ। इस मौके पर देश के अलावे नेपाल और विभिन्न जगहों से आए लोगों को भी सम्मानित किया गया।


कार्यक्रम में अतिथि के रुप में शामिल सत्तारुढ़ दल के उपनेता प्रो. नवल किशोर यादव, पूर्व विधान पार्षद डॉ. रणबीर नंदन, डॉ. रत्ना पुरकायस्था, डॉ. सत्यजीत कुमार सिंह, कुमार गौरव उर्फ गौरव सिन्हा युवा उद्यमी और युवा उद्यमी संजीव श्रीवास्तव को आयोजक मंडल द्वारा शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया। समारोह में शामिल अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर गणेश वंदना एवं सरस्वती वंदना अक्षिता सवर्ण एवं आरव कुमार ने प्रस्तुत कर कार्यक्रम में शामिल लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया, जबकि शैलेंद्र राजू ने माउथ आर्गन पर राष्ट्रगान की धून बजाकर आकर्षण का केंद्र बन गए, तो निशा पराशर ने कजरी प्रस्तुत किया।


विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शख्सियतों चांद बाबू इराकी (नेपाल), शालिनी श्रीवास्तव (मॉस्को), समीर सिंह सिंह (विधान पार्षद), कृष्ण प्रसाद सिंह (पूर्व विधायक), वसीम मंजर (दिल्ली), डॉ. सत्यजीत कुमार सिंह (निदेशक, रुबन अस्पताल), आलोक अग्रवाल, डॉ. एनपी नारायण (एनएमसीएच), डॉ. प्रवीण, डॉ. एके राय, अमित शाखेर, अभिजित बासु, काव्या मनोहर, तृप्ति गुप्ता, हिमानी मिश्रा, स्तुति भूषण, सुमन अग्रवाल, उदय यादव अभिजित बासु (डुमरांव), राजू ठाकुर (बक्सर) सहित कई पत्रकारों व समाजसेवियों को “बिस्मिल्लाह खां लीडरशिप कांफ्रेंस सह लीडरशिप अवॉर्ड एवं कोरोना वॉरियर्स सम्मान-2021” से नवाजा गया।
समारोह को संबोधित करते हुए प्रो. नवल किशोर यादव ने इस कार्यक्रम के लिए आयोजक मंडल को बधाई देते हुए कहा कि शहनाई सभी वादनों की गंगा है। उस्ताद ने अपने जीवन में जो किया, आज उसकी मिठास पूरी दुनिया में उन्हें स्थापित कर दिया। डॉ. रणबीर नंदन ने कहा कि बिस्मिल्लाह खां साहब का व्यक्ति ही उनका कृतित्व बन गया। उन्होंने अपने जीवनकाल में जो किया, आज उनकी स्मृति अमरत्व की श्रेणी में शुमार कर दिया।

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