राजद-जदयू दोनों खेमों में भगदड़ के आसार,एक-दूसरे दलों के आधार वोट पर जीते हुए विधायकों में बेचैनी

पटना।आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रदेश में जदयू तथा राजद दोनों दलों में विधायकों के अंदर बेचैनी व्याप्त है।एक तरफ तो राजद में बड़ी टूट की संभावना व्यक्त की जा रही है,वहीं दूसरी तरफ जदयू में भी हालात कमोबेश वैसे ही हैं।दरअसल 2015 के विधानसभा चुनाव में जदयू तथा राजद महागठबंधन के तहत एक साथ चुनावी समर में उतरे थे।दोनों दलों को एक दूसरे दल के आधार वोटों का लाभ मिला था।नतीजतन जदयू के कई विधायक राजद के आधार वोट प्राप्त करके सदन पहुंचे।वहीं दूसरी और राजद के कई विधायक भी जदयू के समर्थक वोटों के बदौलत सदन तक पहुंचे।मगर इस बार दोनों दल एक दूसरे के विरोध में चुनाव लड़ने जा रही है।नतीजतन दोनों दल के जीते हुए विधायक इस इल्म से वाकिफ हो चुके हैं की उनके क्षेत्र में समीकरण बदल गए हैं।पिछली बार जिन आधार वोटों का लाभ मिला था।इस बार वह खिलाफ में पड़ने वाले हैं।इसीलिए राजद तथा जदयू दोनों खेमों में भगदड़ के आसार व्यक्त किए जा रहे हैं।दोनों खेमों में ऐसे कई विधायक हैं।जिनका मौजूदा समीकरण में अपनी पार्टी में बने रहकर जीत पाना दुष्कर प्रतीत हो रहा है।हालांकि कुछ विधायकों के अंदर अभी भी वफादारी का आलम व्याप्त है।मगर कुछ विधायक जो सिर्फ टिकट प्राप्ति के समय पार्टी में प्रकट हुए थे,उनका मन डोल रहा है।ऐसे विधायक राजद-कांग्रेस तथा जदयू तीनों में व्याप्त हैं।राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि ‘अब भला कौन जान-बूझकर चुनाव मैदान में पराजित होना चाहेगा’।इसलिए अपने क्षेत्र में व्याप्त जातीय समीकरण के वोट बैंक को देखते हुए पाला बदलने की तैयारी हो रखी है। ऐसे में जुलाई तथा अगस्त महीना पाला बदलने वालों के खबरों की सुर्खियों से लबालब रहेगा।

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