कुर्बानी किसकी..नितिन नवीन या संजीव चौरसिया!जदयू ने ठोंक है दीघा या बांकीपुर पर दावा
पटना।आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सीटों के तालमेल को लेकर एनडीए तथा महागठबंधन दोनों के बीच मगजमारी का दौर जारी है।मगर लग रहे चर्चाओं के मुताबिक पटना शहर के दीघा तथा बांकीपुर सीट को लेकर भाजपा तथा जदयू के बीच भीतर ही भीतर ठनी हुई है। दरअसल दीघा तथा बांकीपुर सीट से वर्तमान में भाजपा की ओर से संजीव चौरसिया तथा नितिन नवीन विधायक हैं। 2010 के चुनाव में जब भाजपा तथा जदयू साथ मैदान में उतरी थी तब दीघा से पूनम देवी जदयू की ओर से चुनाव जीती थी। 2015 के चुनाव में जदयू द्वारा राजद तथा कांग्रेस के साथ हाथ मिला लेने के वजह से दीघा से वरिष्ठ भाजपा नेता गंगा प्रसाद के पुत्र संजीव चौरसिया को टिकट दिया गया।उन्हें जीत भी मिली।मगर इस बार भाजपा-जदयू-लोजपा एनडीए के रूप में एक बार फिर से चुनावी समर में उतर रही है।ऐसे में एक बार फिर जदयू के द्वारा दीघा सीट पर दावा किया जा रहा ।है अगर दीघा नहीं तो जदयू बांकीपुर सीट पर भी बात करने को तैयार है।मगर भाजपा के साथ परेशानी यह है कि भाजपा दोनों में से किसी सीट को छोड़ने के लिए फिलहाल तैयार नहीं है।बांकीपुर सीट से भाजपा के स्व- विधायक नवीन किशोर सिन्हा के पुत्र नितिन नवीन लगातार तीन बार से जीत रहे हैं।पार्टी के प्रमुख नेताओं के साथ पटरी भी अच्छी बैठती है।भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं।उनके पिता नवीन किशोर सिन्हा भाजपा के मूल टीम के हिस्सा रह चुके हैं।ऐसे में उनका टिकट कटना भाजपा के लिए कठिन प्रतीत होता है।वहीं दूसरी तरफ संजीव चौरसिया भी वर्तमान राज्यपाल तथा लंबे अर्से से बिहार भाजपा के प्रमुख नेताओं में एक समझे जाने वाले गंगा प्रसाद के पुत्र हैं।पुराना संघी परिवार है,पार्टी के अंदर जड़ गहरा है। ऐसी स्थिति में संजीव चौरसिया का टिकट कटना भी अपने आप में मुश्किल है। लेकिन जदयू बांकीपुर अथवा दीघा में से एक सीट पर अपनी दावेदारी कर रही है। ऐसे में अगर जदयू अपना दावा बरकरार रखती है।तो भाजपा किस की कुर्बानी देगी?भाजपा के वरिष्ठ नेता बताते हैं कि इस मामले को जदयू के साथ सुलझा लिया जाएगा।पार्टी के प्रमुख नेता ने दावा किया है कि दीघा तथा बांकीपुर दोनों सीट से पूर्व की भांति संजीव चौरसिया तथा नितिन नवीन ही बिहार एनडीए के उम्मीदवार होंगे।