लालू यादव की रिहाई को लेकर राजद की बेचैनी बढ़ी,तेजस्वी-तेजप्रताप समेत सबकी निगाहें….

पटना राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के जेल से बाहर आने का इंतजार बेसब्री से राजद का हर एक कार्यकर्ता कर रहा है बिहार विधानसभा चुनाव सिर पर आ गया है ऐसी स्थिति में सुप्रीमो का जेल के अंदर रहना पार्टी के नेताओं कार्यकर्ताओं को बहुत खटक रहा है दरअसल विधानसभा चुनाव में टिकटों को लेकर भी अधिकांश सीटों पर जबरदस्त मारामारी बची हुई है अपने अस्तर से नेता प्रतिपक्ष जैसी यादव पार्टी पर अपना कंट्रोल बनाए रखे हैं मगर इसके बावजूद कई सीटों पर टिकट के दावेदारों के बीच आपसी टकराव की स्थिति बनी हुई है स्थिति ऐसी है कि अगर समझदारी से दावेदारों के विवाद सुलझाए नहीं गए तो चुनाव के समय मजबूत भितरघात का सामना करना पड़ सकता है ऐसी स्थिति में राजद के वरिष्ठ नेताओं के साथ-साथ लंबे अरसे से पार्टी की सेवा कर रहे कार्यकर्ता सिर्फ इस आस पर टिके हुए हैं कि आगामी 11 सितंबर को राजद सुप्रीमो लालू यादव को जमानत मिल जाएगी उन्हें उम्मीद है कि जमानत मिलने के बाद राजद अध्यक्ष पटना आ जाते हैं तब जाकर विहंगम स्थिति को नियंत्रण में लाया जा सकता है राजद के सूत्रों ने बताया कि पार्टी 160 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है जिसमें आधे से अधिक ऐसे सीट है जहां मजबूत दावेदारों तथा परंपरागत दावेदारों के बीच बैटलग्राउंड वाली स्थिति पैदा हो गई है चुनाव सिर पर हैं समय कम बचा है ऐसी परिस्थिति में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव का बाहर आना राजद के लिए बेहद आवश्यक हो गया है

उल्लेखनीय है कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के जमानत याचिका पर सुनवाई 11 सितंबर को होगी। जमानत पर रिहाई के लिए राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के तरफ से याचिका दायर की गई थी जिस पर आगामी सुनवाई 11 सितंबर को होगी।जमानत मामले की सुनवाई न्यायाधीश अमकेश कुमार सिंह की अदालत में होने वाली थी।न्यायधीश अपरेश सिंह की अदालत में याचिका सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। बता दें लालू प्रसाद को सीबीआई की विशेष अदालत ने चाईबासा कोषागार से अवैध तरीके से 37.7 करोड़ और 33.67 करोड़ रुपए की अवैध निकासी के मामले में पांच-पांच साल की सजा सुनाई है। दोनों सजा साथ-साथ चल रही है। इस मामले में लालू प्रसाद 23 दिसंबर 2017 से जेल में हैं।

याचिका में कहा गया है कि इस मामले में उन्होंने आधी सजा काट ली है। वे डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट की बीमारी, क्रॉनिक किडनी डिजीज, फैटी लीवर, पेरिनल इन्फेक्शन, हाइपर यूरिसिमिया, किडनी स्टोन, फैटी हेपेटाइटिस, प्रोस्टेट जैसी बीमारियों से जूझ रहे हैं। इस वजह से उन्हें बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार में न रखकर रिम्स में भर्ती कराया गया है। आधी सजा काट लेने और बीमार रहने के कारण उन्हें जमानत मिलनी चाहिए। जमानत याचिका में लालू प्रसाद ने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का हवाला दिया है, जिसमें कहा गया है कि आधी सजा काटने के बाद जमानत दी जा सकती है।

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