PATNA : पीयू में 4 वर्षीय स्नातक कोर्स को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी, AIDSO ने निकाला जुलूस

पटना। पीयू में 4 वर्षीय स्नातक कार्यक्रम लागू किए जाने के खिलाफ AIDSO की ओर से प्रदर्शन किया गया। बता दे की पटना कॉलेज के मुख्य गेट पर विरोध-प्रदर्शन के बाद सभा की गई। वही इसके पूर्व पटना कॉलेज एवं वाणिज्य कॉलेज परिसर में जुलूस भी निकाला गया। वही इनका कहना है कि मल्टीडिसीप्लिनरी सिस्टेम से छात्र किसी एक विषय की गहन पढ़ाई नहीं कर पाएंगे। जब तक इसे वापस नहीं लिया जाएगा तब तक हम इसका विरोध करते रहेंगे। वही इस मौके पर AIDSO के बिहार राज्य सचिव विजय कुमार ने कहा कि राजभवन के प्रधान सचिव से 4 वर्षीय स्नातक कार्यक्रम के बारे में स्थिति स्पष्ट करने की बात कही है, लेकिन इस 4 वर्षीय स्नातक कार्यक्रम के बारे में अभी भी छात्रों के अनेक सवाल है। मल्टीपल एंट्री एंड एग्जिट प्रणाली के तहत, यदि किसी छात्र को पहले वर्ष के 2 सेमेस्टर के बाद पढ़ाई छोड़ना पड़े तो उसे एक सर्टिफिकेट डिग्री। वही दूसरे वर्ष के 4 सेमेस्टर के बाद डिप्लोमा, तीसरे वर्ष के 6 सेमेस्टर के बाद एक सामान्य स्नातक और चौथे वर्ष के 8 सेमेस्टर के बाद मल्टीडिसीप्लिनरी रिसर्च विद ऑनर्स की डिग्री प्रदान किया जाएगा। लेकिन, वित्तीय कारण सहित जिन कारणों से एक छात्र को बीच में ही पढ़ाई छोड़ना पड़ता है, उन समस्यों का निवारण किए बिना ही यह प्रणाली वास्तव में अलग-अलग नामों से प्रमाण पत्र देकर ड्रॉपआउट को वैधता देगी। इस प्रणाली में चार वर्षों के बाद कुल क्रेडिट अर्जित करने के लिए एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट में विभिन्न कॉलेजों से प्राप्त एक छात्र के अंक क्रेडिट के रूप में जमा किए जा सकते हैं। वही इस प्रकार राज्य सरकार UGC द्वारा स्नातक स्तर पर करिकुलम एंड फ्रेमवर्क की शुरुआत कर रही है। जो वास्तव में राज्य स्तर पर केंद्र में BJP सरकार द्वारा बनाई गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू कर रही है और समग्र छात्र समाज को कई शिक्षा व्यापारियों के बाजार में खरीददारों में रूपांतरित करने की योजना बनाई है। इस तरह पूरी शिक्षा व्यवस्था मुनाफा कमाने के उद्देश्य से चलाई जाएगी। वही इस प्रक्रिया में इच्छा अनुसार कॉलेज परिवर्तन की आकर्षक नारेबाज़ी के माध्यम से छात्र-केंद्रित शिक्षा को प्रचार भले ही कर रही हो लेकिन वास्तव यह डिग्री खरीदने और बेचने का स्थान होगा जहां आर्थिक क्षमता वाले ही डिग्री ले सकते हैं।
4 वर्षीय डिग्री कोर्स लागू करना गलत?
AIDSO के बिहार राज्य सचिवमंडल सदस्य राजू कुमार ने कहा कि वर्तमान में शिक्षकों व कर्मचारियों की कमी सहित आधारभूत संरचनाओं की कमी के कारण राज्य के अधिकतर विश्वविद्यालय में पठन-पाठन की पूरी व्यवस्था अराजक है और सत्र अनियमित चल रहे है। जिसे सुदृढ़ करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए ना कि शिक्षा का बाजारीकरण करने वाला 4 वर्षीय डिग्री कोर्स लागू करना? पटना जिला संयोजिका शिमला मौर्या ने राज्य सरकार से अविलंब हस्तक्षेप कर इस 4 वर्षीय स्नातक कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग तथा छात्रों, शिक्षकों एवं शिक्षा प्रेमी लोगों से इसके खिलाफ एकजुट होकर आंदोलन तेज करने का आह्वान किया गया है।

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