पटना एम्स में गरीबों को नहीं मिल रही सस्ती दवा,मामूली बीमारियों की दवा तक उपलब्ध नहीं है एम्स के ‘भंडार’ में

फूलवारी शरीफ ( अजित कुमार ) | पटना एम्म्स की सरकारी दवा दुकान ‘अमृत ‘ भी मरीजो को बगैर दवा के ही बैरंग लौटा दे रहा है। सस्ती दर पर इलाज और दवा मिलने की आस लगये राज्य के विभिन्न जिलों और पटना के विभीन्न स्थानों से एम्म्स आने वाले मरीजो को इलाज के लिए दवा बाहर से खरीदना पड़ रहा है । सर दर्द , पेट के रोगों, मासिक धर्म की गड़बड़ी ,पेशाब में जलन , बवासीर आदि मामूली रोगों की भी दवा एम्स में उपलब्ध नही है तो इसका सहज अंदाज लगा सकते है कि गम्भीर रोगों के मरीजो को दवा खरीदना कितना महंगा साबित हो रहा है । जिससे मरीजो और उनके अटेंडेंट को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पटना एम्म्स में इलाज कराने जाना चाह रहे हों तो पहले यह जान लें कि यहाँ केवल रजिस्ट्रेशन और डॉक्टरों द्वारा चेकअप सर्जरी सलाह आदि की ही व्यवस्था अभी फिलहाल मिल पाएगी। इसके साथ हर मरीज की बीमारियों के इलाज के लिए सबसे जरूरी दवा आपको एम्म्स में उपलब्ध नही हो पायेगा।इतना ही नही एम्म्स में सर्जरी के दौरान या उसके बाद जरूर दवाएं भी एम्म्स के अंदर सरकार द्वारा संचालित दवा दुकान अमृत में उपलब्ध नही है। ऐसे में एम्म्स के बाहर जाकर दवा दुकानो से दवा खरीदना गरीब मरीजो को काफी भारी पड़ रहा है। पहले ही कई माह से एम्म्स में खुली दो दो दवा दुकाने बंद हो चुकी है। एम्म्स में सरकार द्वारा संचालित दवा दुकान अमृत में दवा लाने के लिये मरीजो के तीमारदारों की कतारें पहुंच रही है लेकिन किसी को दवा नही मिल पा रहा है । अमृत दवा दुकान में मौजूद स्टाफ दवा नही रहने के बारे में काफी पूछने के बाद भी गूंगे बन जाते हैं ,कोई जवाब नही देते । सिर्फ इतना ही जवाब मिलता है दवा नही है बाहर से दवा ले लीजिए। सुबह आठ बजे से मरीजो को लेकर आने वाले परिजनों को करीब दो घण्टे एम्म्स की रजिस्ट्रेशन कराने, डॉक्टरों से दिखलाने में ही बीत जाने के बाद जब दवा काउंटर पर पता चलता है कि दवा बाहर से लेना पड़ेगा तो मरीजो और उनके परिजनों पर क्या गुजरती होगी इसका आप सहज ही अंदाज लगा सकते है । बाहर से दवा खरीदना मतलब महंगे एयर मनमाने कीमतों पर दवा खरीदना लोगो की मजबूरी हो गयी है। एम्म्स में इस उद्धेश्य से लोग इलाज कराने आते हैं कि यहां दवा भी सस्ती दर पर मिल जाएगी लेकिन यहां आने के बाद भी दवा बाहर के मेडिकल्स से खरीदना काफी महंगा साबित हो रहा है। इस पूरे मामले पर बातचीत करने पर पटना एम्म्स के निदेशक डॉ प्रभात कुमार सिंह ने कहा कि दवा दुकान में दवा उपलब्ध नहीस है इसमें वे कुछ नही कर सकते हैं । अमृत दवा दुकान भारत सरकार के अनुमति से संचालित हो रहा है ।

 

 

आरा से गणेश कुमार दवा दुकान अमृत में दवा खरीदने का पर्चा दिखाते हैं तो टका सा जवाब सुनकर की दवा नही है बाहर से खरीद लीजिए ,उनके सर में भी दर्द होने लगता है। भीषण उमस भरी गर्मी में गमछे से पसीना पोछते बाहर निकल जाते हैं । खीजते और झल्लाते हुए कहते है कि जब सर दर्द की भी दवा यहां नही मिल रहा है तो एम्म्स आने का क्या मतलब है। इनके परिजन विकास कुमार को सर में दर्द की शिकायत है । दर्द पिछले एक महीना से बढ़ गया तो एम्म्स में दिखाने आये।जहानाबाद से आये राम लाल शर्मा अपनी सास बसंती देवी के पेट के रोगों और बवासिर रोग के इलाज के लिए एम्म्स आये हैं। एम्स में एक माह से इलाज चल रहा है आज इन्हें भी दवा नही मिला। मो इस्रायल की पत्नी अफ़रोज़ा खातून को दोनो आँख से दिखाई नही देता है । ऊपर से अब इन्हें पेसाब में जलन की नई शिकायत हो गयी तो एम्म्स में दिखलाने आये हैं । इस्राइल बताते हैं की आठ बजे सुबह से आये हुए हैं दो घंटे बाद जब दवा काउंटर अमृत पर गए तो दवा नही मिला । स्थानीय निवासी अँजेश कुमार फूलवारी शरीफ इलाके से अपने बेटा अभिजीत कुमार स्किन की समस्या दिखाने सुबह नौ बजे से एम्म्स आये हुए हैं । इन्हें भी अमृत दवा दुकान से निराश लौटना पड़ा जब दवा नही मिला । नन्दलाल पटना जिले के मसौढ़ी के लहसुना गांव से पत्नी उर्मिला देवी को लेकर एम्म्स आये । इनकी पत्नी को मासिक धर्म समस्या है । उर्मिला देवी अपना गुस्सा मिडिया पर ही उतारते हुए झल्लाते हुए कहती है हटिए जाने दीजिए । खाली सब गरीब के मजाक उड़ाते हैं ,एम्म्स में ड्रामा करता है ,सस्ता दवा मिलेगा त इहाँ तो दवाईये नही मिल रहा है। डॉक्टर से दिखाए तो बोला गया कि दवा यहाँ सस्ता मिलेगा लेकीन नही मिला। नौबतपुर के रुस्तमगंज से सगुनी पासवान परिजन कौशल्या देवी को हाथ पैर में दर्द की शिकायत का इलाज कराने आये हैं।कैशल्या देवी के पास आयुष्मान भारत कार्ड भी है लेकिन इन्हें भी दवा नही मिला तो गुस्से से तमतमा गए , कहने लगे कि एम्म्स में दवा नही मिल रहा है। सब बाहर के दवा दुकानों से मिलीभगत है ।

आरोही कुमारी अभी मात्र 5 माह की है। मासूम आरोही के दिल मे छेद की समस्या है । बिहारशरीफ के रामड़िहा से मुन्ना पासवान अपनी पत्नी प्रियंका के साथ बिटिया आरोही को लेकर इतनी दूर पटना एम्म्स आये थे कि यह इलाज के साथ साथ दवा भी सस्ता मिलेगा । आरोही का यह पहले से इलाज चल रहा है लेकिन आज जब दवा नही मिला तो माँ प्रियंका उदास हो जाती है । ई परेशानियों से अनजान नन्ही जान आरोही पिता मुन्ना पासवान की गोद मे चिपकी है ,पिता धूप से बचाने को बेटी का सर तौलिये ढंकने का भरसक प्रयास करते है। रुआंसे होकर बाहर की ओर कदम बढ़ाते हुए कहते हैं सस्ता नही मिलेगा दवाई तो सर गरीब आदमी कइसे इलाज कराएगा ।

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