पटना एम्स में दवाओं की किल्लत का मामला गरमाया,बिहार विधान परिषद में उठा सवाल

पटना एम्स में दवाओं की किल्लत का मामला गरमाया
बिहार विधान परिषद में उठा सवाल

एम्स अधीक्षक से 24 घंटे में मांगा गया जवाब

फुलवारी शरीफ। पटना एम्स में दवाओ की कमी का मामला गरमा गया । एम्स में मरीजो को किफायती कीमतों पर दवाएं उपलब्ध कराने के लिए संचालित दवा दुकान अमृत में दवाओं की किल्लत का मामला मीडिया में आने के बाद बिहार विधान परिषद में मानसुन सत्र के दौरान सदस्य राधा चरण साह ने उठाया है । इसके बाद हरकत में आयी बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने पटना एम्स के अधीक्षक डॉ प्रभात कुमार सिंह से जवाब तलब किया है। बिहार के औषधि नियंत्रक रविंद्र कुमार सिंहा ने पटना एम्स अधीक्षक से इस मामले में 24 घंटे में जवाब देने को कहा है। एम्स अधीक्षक से सरकार ने पूछा है को पहले से एम्स में चल रही दो दवा दुकानों के बन्द होने के बाद संचालित अमृत दवा दुकान से मरीजो को दवा क्यो नही उपलब्ध कराया जा रहा है। मरीजों और उनके तीमारदारों की शिकायत है कि एम्स में इलाज कराने आने पर उन्हें बाहर से महंगी दवाएं खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। सरकार ने एम्स प्रशासन से जवाब मांगा है कि आखिर किन परिस्थितियों में एम्स में संचालित दवा दुकान अमृत में 70 प्रतिशत दवाएं मौजूद नहीं है। जिनमे कैंसर और हार्ट रोग के दवाएं भी एम्स में उपलब्ध क्यो नही हैं। विधानमंडल में एम्स में दवाओं की कमी से जवाब तलब के बाद पटना एम्स प्रशासन में हड़कम्प मचा हुआ है। इतना ही नही सरकार के औषधि नियंत्रक ने एम्स प्रशासन से जवाब मांगा है की एम्स में दवाओं की कमी के लिए जिम्मेवार अधिकारियों पर क्यों नही करवाई की गई । एम्म्स प्रशासन मरीजो को बाहर से दवा खरीदने की जानकारी होने के बावजूद चुप्पी क्यों साधे रहा। बहरहाल देखना है कि सरकार के स्वास्थ्य विभाग के हरकत में आने के बाद अब पटना एम्स के मरीजो को सस्ती किफायती दरों पर कब से दवाएं उपलब्ध कराया जाता है। मालूम हो कि पटना एम्स में पहले से संचालित दो दो दवा दुकानों को मानक के अनुसार दवा नही बेचे जाने की शिकायतों की जांच के बाद बन्द कर दिया गया तब सरकार द्वारा संचालित दवा दुकान अमृत पर सस्ती दवाएं उपलब्ध नही करायी जा रही है और मरीजो को बाहर से निजी दवाओं के दुकानों से महंगी कीमतों पर दवा खरीदना पड़ रहा है।

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