रेलवे से अब दुसरे शहर में भेजे अपनी बाइक, जानिए कितना लगेगा किराया

देश। भारतीय रेलवे को भारतीय परिवहन की जीवन रेखा कहा जाता है। यह देश में परिवहन का सबसे लोकप्रिय तथा सबसे सस्ता साधन है। प्रतिदिन लाखों यात्री रेलवे का प्रयोग अपने परिवहन के साधन के रूप में करते हैं। परिवहन के साथ-साथ रेलवे कुरियर की मदद से आपके कीमती सामान पहुंचाने का भी काम करती है तो चलिए आपको बताते है कितना देना होगा शुल्क। भारतीय रेलवे से किसी भी सामान को ट्रांसपोर्ट करने के दो तरीके हैं- लगेज के रूप में या पार्सल के रूप में। लगेज का अर्थ है कि सामान को आप सफर के दौरान अपने साथ ले जा रहे हैं। वहीं पार्सल का अर्थ है कि आप सामान अपनी पसंद की जगह पर भेज रहे हैं।

वही बाइक पार्सल करने के लिए सबसे पहले आपको अपने नजदीकी रेलवे स्टेशन पर जाना होगा। वहां आपको पार्सल से संबंधित सारी जानकारी पार्सल काउंटर से दी जाएगी। जानकारी हासिल करने के बाद सारे डॉक्युमेंट्स तैयार करने पड़ेंगे। डॉक्युमेंट्स की ओरिजनल कॉपी और फोटोकॉपी दोनों अपने साथ रखें। वेरिफिकेशन के समय ओरिजनल कॉपी की जरूरत पड़ सकती है। वही बाइक ट्रांसपोर्ट करने के लिए आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना होगा जैसे जिस दिन आप बाइक भिजवाना चाहते हैं, उससे कम से कम एक दिन पहले बुकिंग कराएं। बाइक का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और बीमा के कागज साथ में होने चाहिए। आपका आईडी कार्ड -जैसे आधार, ड्राइविंग लाइसेंस आदि भी साथ में लगेगा। बाइक अच्छी तरह पैक होनी चाहिए, खासतौर से हेडलाइट। बाइक में पेट्रोल नहीं होना चाहिए। गाड़ी में पेट्रोल होने पर 1000 रुपये का जुर्माना देना होगा।

जानिए कितना लगेगा किराया

रेलवे से सामान भेजने के लिए वजन और दूरी के अनुसार भाड़े की गणना होती है। बाइक ट्रांसपोर्ट करने के लिए रेलवे सस्ता और तेज माध्यम है। लगेज का चार्ज पार्सल के मुकाबले अधिक होता है। 500 किलोमीटर दूर तक बाइक भेजने के लिए औसत भाड़ा 1200 रुपये होता है, हालांकि इसमें थोड़ा अंतर आ सकता है। इसके अलावा बाइक की पैकिंग पर करीब 300-500 रुपये तक का खर्च आ सकता है। इसके साथ साथ गाडी का पार्सल के लिए आपके पास गाड़ी की आरसी और बीमा के कागज जरूरी हैं। बाइक को अच्छी तरह पैक करना चाहिए, ताकि उसमें कोई डैमेज न हो। पार्सल की बुकिंग सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक होती है।

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