देश जल्द मिलेगी एक शानदार एक्सप्रेस वे कॉरिडोर की सौगात, सेना के होगा कारगर, जाने क्या-क्या होगी सुविधा

देश। भारत को जल्द देश के दूसरे सबसे लंबे इकोनामिक कॉरिडोर की सौगात मिलने जा रही है। इस कॉरिडोर की सबसे बड़ी खास बात यह होगी कि यह भारतीय सेना के लिए एक कारगर कॉरिडोर बनकर सामने आएगा। मिली जानकारी के अनुसार अमृतसर जामनगर एक्सप्रेस वे जो कि भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बनकर तैयार हो रहा है। उसके निर्माण की कवायद अब तेज हो चुकी है और ऐसा माना जा रहा है कि बहुत जल्द यह कॉरिडोर बनकर देश को समर्पित कर दिया जाएगा। 1224 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर को देश की जीवन रेखा का कहां जा रहा है इसके साथ साथ इस कॉरिडोर में अन्य और भी कई खासियत होगी।

अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेस-वे से पंजाब, हरियाणा, गुजरात को रोड से कनेक्ट करेगा तो जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख के गुड्स का निर्यात सीधे होगा। ये देश का दूसरा सिक्स लेन एक्सप्रेस-वे है, जिस पर इंटरचेंज या वे साइट के पास हेलिपेड बनाए जाने हैं। इसके लिए एनएचएआई ने 20 से 25 साइट चिह्नित की हैं। इसके साथ एनएचएआई मुख्यालय से पास होते ही हेलिपेड का निर्माण होगा। ख़बरों की माने तो यह अमृतसर जामनगर इकॉनोमिक कॉरिडोर 2025 तक बनकर तैयार होगा। यह इकॉनोमिक कॉरिडोर एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लगेगा हादसे रोकने के लिए एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम पर काम करेगा। इस पर 1224 किमी में 6 से 7 हजार सीसीटीवी कैमरे लग रहे हैं। वाहनों की निर्धारित स्पीड 100 किमी प्रति घंटा से ज्यादा होते ही ये गेंट्री पर आगाह करेगा। इसमें लगा क्रिटिकल लोकेशन पर एलईडी डिस्प्ले, जो पहले से इमरजेंसी-हादसे के बारे में आगाह करेगा।

व्हीकल इंसीडेंट डिटेक्शन सिस्टम हर 10 किमी पर क्रिटिकल लोकेशन, इंटरचेंज, फ्लाईओवर पर कैमरे लगे होंगें। व्हीकल स्पीड डिटेक्शन सिस्टम हर 10 किमी पर: स्पीड गेंट्री पर 3 एलईडी में दिखेगी, 100 से ज्यादा स्पीड होने पर ड्राइवर को चेतावनी देगा। इमरजेंसी कॉल बॉक्स सिस्टम प्रत्येक 1 किमी की दूरी पर कॉल करते ही एम्बुलेंस, हाइवे पेट्रोल व सहायता वाह उस लोकेशन में चंद मिनट में पहुंचेंगे।

सेना के कारगर होगा यह इकॉनोमिक कॉरिडोर

ये एक्सप्रेस-वे पश्चिमी बॉर्डर के बड़े मिलिट्री स्टेशनों को कनेक्ट करेगा। ऑपरेशन पराक्रम जैसी स्थिति में बॉर्डर तक जाने में सेना का रिस्पांस टाइम 48 घंटे से कम हो जाएगा। सामरिक तौर पर ये बॉर्डर के पास बने भारतमाला प्रोजेक्ट के टू लेन से जोड़ेगा, जिससे मूवमेंट तेज होगा। इस एक रोड से 3 राज्यों के मिलिट्री स्टेशन जुड़ जाएंगे। फीडर कनेक्टिविटी होने से मेन और मेटेरियल का ट्रांसपोटेशन आसान होगा। इस एक रोड से 3 राज्यों के मिलिट्री स्टेशन जुड़ जाएंगे। फीडर कनेक्टिविटी होने से मेन और मेटेरियल का ट्रांसपोटेशन आसान होगा। हेलिपेड का उपयोग इमरजेंसी के दौरान किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर सेना भी इसका उपयोग ले सकेंगे। वही इस इकॉनोमिक कॉरिडोर पर भारी वाहन ज्यादा चलेंगे। ये पोरबंदर, मुंद्रा व कांडला पोर्ट को जोड़ेगा। यहां उत्तर व पश्चिमी के राज्यों के सामान का निर्यात जल्दी व सस्ता होगा।

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