मोतिहारी में बिहार पुलिस की गांधीगिरी, बगैर हेलमेट और बीमा के बिना चलने पर भी चालान नहीं कटते

मोतिहारी। सूबे के मोतिहारी जिला में बगैर हेलमेट या बीमा नवीनीकरण के चलने वाले बाइक सवारों के साथ पुलिस का अनोखा व्यवहार प्रकाश में आया। इसमें दरअसल बिना हेलमेट चलने वालों या जिनका बीमा खत्म हो चुका है, उनका चालान काटने की जगह पुलिस उन्हें अपनी गलती सुधारने का मौका दे रही है वहीं इसके लिए स्थानीय पुलिस द्वारा जांच चौकियों पर ही व्यवस्था की गयी है ताकि सवारी अविलंब हेलमेट खरीद सकें और वाहन बीमा का नवीनीकरण करा सकें। इस अभियान की शुरूआत पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी में छतौनी थाने के एसएचओ मुकेश चंद्र कुंवर ने करते हुये बताया कि मैंने कुछ हेलमेट विक्रेताओं और बीमा एजेंटों से बात की जिन्होंने जांच चौकियों के समीप स्टॉल लगाये हैं वहीं सवारियों पर जुर्माना नहीं लगाये जा रहे है, क्योंकि इससे उन्हें महसूस होता है कि वे अपराधी हैं। इसके बजाय, वे अच्छी गुणवत्ता वाले हेलमेट खरीदने और अपने बीमा को नवीकृत कराने के लिये प्रोत्साहित होते हैं। इस संबंध में अधिकारी ने कहा कि उन्होंने जिला परिवहन विभाग से एक अधिकारी को तैनात करने का भी अनुरोध किया है जो बगैर लाइसेंस के गाड़ी चला रहे लोगों को मौके पर लर्नर लाइसेंस जारी कर दें। उन्होंने कहा कि जनता के बीच इस बात की भी धारणा बढ़ रही है कि संशोधित मोटर वाहन अधिनियम ने पुलिस को जबरन पैसा निकलवाने के लिये खुली छूट दे रखी है और इस तरह का अविश्वास पुलिस व्यवस्था के लिये हानिकारक है। उन्होंने आगे कहा कि मैंने शहर की ऐतिहासिक विरासत से प्रेरणा ली और इस योजना को लेकर आया, जो हमें संशोधित एमवी एक्ट के उद्देश्य को प्रभावी तरीके से हासिल करने में मदद कर सकती है। कुंवर ने कहा कि सदभावना के आधार पर सभी अपराधों को माफ नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति शराब के नशे में या शराब के प्रभाव में पाया जाता है, जिसकी बिक्री और खपत बिहार में प्रतिबंधित है तो हमारे पास कानून के मुताबिक कार्रवाई करने के अलावे कोई अन्य विकल्प नहीं बचते हैं।

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