मोदी सरकार आपदा को अवसर में बदलने में जुटी, खाद की बढ़ाए गए कीमतों पर रोक लगाने की मांग

पटना। कोरोना काल में केंद्र-राज्य सरकार ने खाद कंपनियों को खाद की कीमतों में करीब डेढ़ गुना कीमत बढ़ाने की इजाजत देकर किसानों पर बड़ा कुठाराघात किया है। अब डीएपी खाद का 50 किलो की बोरी 1200 की जगह अब उन्हें 1900 रूपये में और एनकेपीएस की बोरी 925 की जगह 1350 रूपये में मिलेगी। उक्त बातें सीपीआई(एम) के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने प्रेस बयान जारी कर कहा है।
उन्होंने कहा कि आज एक तरफ बिहार सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कहीं भी गेहूं की खरीद नहीं हो रही है। खरीद की सरकारी घोषणा पूरी तरह झूठी और भ्रामक है। वहीं दूसरी तरफ खादों की कीमतों में की गई बढ़ोतरी जले पर नमक छिड़कने जैसा है। यह मोदी सरकार का आपदा को अवसर में बदलने का ज्वलंत उदाहरण है। सरकार का यह कदम घोर किसान विरोधी एवं कंपनियों को लूटने का अवसर प्रदान करने वाली है।
उन्होंने कहा कि पार्टी सरकार की घोर किसान विरोधी नीतियों की निंदा करती है और मांग करती है कि खाद कंपनियों द्वारा बढ़ाए गए कीमतों पर तुरंत रोक लगाई जाए एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर राज्य में गेहूं की खरीद की गारंटी सुनिश्चित की जाय। 26 मई को किसानों का प्रतिरोध दिवस आयोजित किया जाएगा।

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