जदयू ने सुशील मोदी पर साधा निशाना, बोले- CM नीतीश ने राजगीर में एयरपोर्ट बनाने की मांग दोहरायी तो सुशील मोदी सहित BJP नेताओं के पेट में दर्द होने लगा

पटना। जदयू ने भाजपा नेता सुशील मोदी पर पलटवार किया है। वही जदयू के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक झा और अंजुम आरा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में BJP पर निशाना साधते हुए कहा कि वैसे तो BJP नेता मनगढ़ंत और अटपटे जुमलेबाजी के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं, लेकिन कम से कम उनसे इस प्रकार के असंवैधानिक बात की उम्मीद नहीं थी। JDU प्रवक्ताओं ने सुशील मोदी को निशाने पर लेते हुए कहा कि पटना, पूर्णिया और बिहटा एयरपोर्ट के बारे में सुशील मोदी ने झूठा बयान दिया। वही JDU प्रवक्ताओं ने कहा कि बिहार सरकार 108 एकड़ ज़मीन दे चुकी है। जिस पर अभी तक सही से बाउंड्री भी नहीं करायी गयी है और पार्किंग बनाने के लिए 8 एकड़ जमीन अलग से मांगी है। वही उन्होंने कहा कि सुशील मोदी बोलते हैं कि एयरपोर्ट राज्य सरकार खुद बनवा ले, तो सबसे पहले वे संविधान में बदलाव कर नगर विमानन को राज्य सूची में डलवाए। वही जदयू के प्रवक्ताओं ने हिंदुस्तान के लिए औद्योगिक विकास की नींव रखने वाले जेआर डी टाटा की 29वीं पुण्यतिथि पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश ने राजगीर में एयरपोर्ट बनाने की गुजारिश केंद्र सरकार से पुनः दोहरायी तो सुशील मोदी समेत BJP नेताओं के पेट में दर्द होने लगा। आज इस देश में सर्वाधिक गंभीर मुद्दा है संविधान को बचाने की लड़ाई। सभी जानते हैं कि नागरिक विमानन सेवा संविधान की केन्द्रीय सूची में है न कि राज्य या समवर्ती सूची में।

वही उन्होंने कहा की केंद्रीय सूची के विषयों पर राज्य सरकार कोई कदम नहीं उठा सकती है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ओफ़ इंडिया के अनुसार भी एयरपोर्ट बनाने में राज्य सरकार सिर्फ़ सहयोगी संस्था है। नागरिक विमानन समवर्ती सूची में भी होता तो हमारे नेता नीतीश कुमार जी बहुत पहले राजगीर में एयरपोर्ट बनवा चुके होते। जैसे कल ही मुख्यमंत्री नीतीश ने जरासंध अखाड़ा के प्रति केंद्र सरकार और आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के उदासीन रवैये को देखते हुए वहां जरासंध मेमोरियल बनवाने की घोषणा कर दी। वही प्रवक्ताओं ने कहा कि सुशील मोदी का यह बयान कहीं भारतीय संविधान पर बढ़ते हमले की एक सोची समझी साजिश का हिस्सा ही तो नहीं है। वही उन्होंने कहा की एयरपोर्ट बनाए राज्य सरकार और उसपर टैक्स लगाए केंद्र सरकार, नागरिकों से दरभंगा से दिल्ली तक के लिए पच्चीस-पच्चीस हज़ार किराया ले केंद्र सरकार और उससे होने वाली आमदनी से विश्व भ्रमण करे मोदी सरकार। इस बयान का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि क्या मोदी सरकार की औपचारिकता अब सिर्फ सरकारी संपत्तियों को अडानी व अम्बानी को बेचने तक सीमित रह गई है। मतलब राजगीर में एयरपोर्ट बनाएं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उसे अम्बानी अडानी को बेच दे मोदी सरकार। एक दौर था जब टाटा जी ने एयर इंडिया बनाया और उसे दशकों तक सफल रूप से चलाकर भारत सरकार को दे दिया था और आज का दौर है, जब मोदी सरकार एक के बाद कुल 8 एयरपोर्ट अडानी को बेच चुकी है। यानी एयरपोर्ट बनाए नीतीश सरकार और उसे अपने आकाओं को बेच दे मोदी सरकार।

वही प्रवक्ताओं ने तीसरे महत्वपूर्ण पक्ष की चर्चा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश द्वारा राजगीर में एयरपोर्ट बनवाने की मांग कितनी जायज है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पूरे बिहार में सर्वाधिक देशी और विदेशी पर्यटक राजगीर के आसपास ही आते हैं। जहां नालंदा विश्व विद्यालय समेत कई वैश्विक ऐतिहासिक धरोहर हैं। राजगीर में आयुध कारखाना है। चंद वर्षों में राजगीर में नालंदा विवि का नया कैंपस बनकर तैयार हो जाएगा। साथ ही वहां अंतरराष्ट्रीय स्तर का खेल मैदान भी बन रहा है। केंद्र सरकार के आंकड़े के अनुसार 2018 में बिहार अंतरराष्ट्रीय और घरेलू समग्र पर्यटन के मामले पूरे भारत में 9वें स्थान पर रहा। जो वर्ष 2009 तक 18वें स्थान पर था। वर्ष 2005 में पूरे देश का 0.6% कुल 63,321 विदेशी यात्री बिहार आए थे। जो 2019 में बढ़कर 10.90 लाख हो गई। जबकि घरेलू पर्यटकों की कुल संख्या 68.81 लाख से बढ़कर 3.5 करोड़ पहुंच गई। यानी विदेशी यात्रियों की संख्या में लगभग 18 और घरेलू में लगभग पांच गुना वृद्धि हुई। वही जदयू प्रवक्ताओं ने कहा कि भाजपा का झूठ सुशील मोदी के बयान से स्वतः स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने पटना, पूर्णिया और बिहटा में बन रहे एयरपोर्ट के लिए ज़मीन नहीं दी है। बिहार सरकार 108 एकड़ ज़मीन दे चुकी है। जिस पर अभी तक सही से बाउंड्री भी नहीं कराया गया है और पार्किंग बनाने के लिए 8 एकड़ जमीन अलग से मांगा। सुशील मोदी बोलते हैं कि एयरपोर्ट राज्य सरकार खुद बनवा ले, तो हम बनवा लेंगे। आप संविधान में बदलाव कर नगर विमानन को राज्य सूची में डाल दीजिए हमारे नेता नीतीश कुमार सब कर देंगे।

वही जदयू प्रवक्ताओं ने बताया कि दरभंगा एयरपोर्ट को बड़ा करने यात्रियों सुविधा के कुछ और सेवाओं के लिए जमीन मांगी गयी है और बिहार सरकार 2023 तक सारी ज़मीन का अधिग्रहण कर देने का वादा पहले ही कर चुकी है। बिहार सरकार अपना काम कर भी देगी पर दरभंगा से दिल्ली का किराया पच्चीस हज़ार वसूले जाने और बिहार की जनता को लूटने का जिम्मेदार कौन है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बिहार में कम से कम 5-6 डोमेस्टिक और एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट की जरुरत है। जबकि वर्तमान में बिहार में मात्र 3 एयरपोर्ट ही है। हालांकि पहले बिहार में कई एयरपोर्ट हुआ करते थे। लेकिन मुंगेर, भागलपुर, फारबिसगंज और रक्सौल एयरपोर्ट को बंद कर दिया गया है। 2019 में प्रधानमंत्री ने मुजफ्फरपुर में एयरपोर्ट बनाने की घोषणा की थी। इसके अलावा सबेया में भी एक एयरपोर्ट बनाना है, उसकी कोई चर्चा ही नहीं हो रही है।

About Post Author

You may have missed