‘IPQ EXPRESS’ सर्वे में हुआ खुलासा: पूर्वी भारत का प्रोटेक्शन कोशेंट 46, जो राष्ट्रीय औसत से 1 अंक अधिक

परिवार के लिए आजीविका कमाने वाले शख्स की मौत बेचैनी की मुख्य वजह


पटना। कोविड-19 के बीच देश को बेहतर वित्तीय सुरक्षा उपलब्ध कराने की अपनी प्रतिबद्धता को मजबूती देते हुए मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने कंतार के साथ मिलकर कराए गए अपने प्रमुख सर्वे ‘मैक्स लाइफ इंडिया प्रोटेक्शन कोशेंट- एक्सप्रेस’ के कोविड-19 संस्करण के परिणाम घोषित किए। आईपीक्यू एक्सप्रेस शीर्षक वाले इस सर्वे में ग्राहकों को कोविड काल में परेशान कर रही चिंताओं का खुलासा हुआ है। यह बताता है कि डिजिटल तौर पर दक्ष शहरी भारतीय वित्तीय सुरक्षा, बचत व निवेश, मेडिकल स्थिति के लिए तैयारी, बेचैन करने वाली मुख्य बातें और तेजी से डिजिटल होती दुनिया के स्वीकार्यता का नया स्तर क्या है।
पूर्वी भारत के सर्वे में हिस्सा लेने वाले डिजिटल तौर पर दक्ष शहरी प्रतिभागियों का कोविड काल में प्रोटेक्शन कोशेंट 46 है, जो राष्ट्रीय औसत 45 से एक अंक अधिक है। दक्षिण और उत्तर भारत में लाइफ इंश्योरेंस स्वामित्व की दर सर्वाधिक 78% है जबकि पूर्वी भारत में भी यह दर 77% और इसके बाद 73% स्वामित्व के साथ पश्चिमी भारत है। इस क्षेत्र का लाइफ इंश्योरेंस नॉलेज इंडेक्स 67 है जो उत्तर (66) और पश्चिम (63) के मुकाबले अधिक है लेकिन 68 के नॉलेज इंडेक्स वाले दक्षिणी क्षेत्र से कम है। डिजिटल तौर पर दक्ष 52% पूर्वी भारतीय प्रतिभागियों के मनोभाव के स्तर पर सुरक्षित महसूस करने के साथ क्षेत्र का वित्तीय सुरक्षा स्तर दक्षिण भारत के 48% सुरक्षा स्तर के मुकाबले अधिक है जबकि यह उत्तर व पश्चिमी भारत के सुरक्षा स्तर 53% के करीब है।
आईपीक्यू एक्सप्रेस के परिणामों पर टिप्पणी करते हुए मैक्स लाइफ इंश्योरेंस के डायरेक्टर व चीफ मार्केटिंग आॅफिसर आलोक भान ने कहा, कोविड-19 को लेकर अनिश्चितता को देखते हुए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि व्यक्ति अपने करीबी लोगों का वित्तीय भविष्य सुरक्षित रखने के लिए लाइफ इंश्योरेंस के महत्व को समझे। 45 के साथ उत्तर भारत का प्रोटेक्शन कोशेंट राष्ट्रीय औसत प्रोटेक्शन कोशेंट 45 के बराबर है और यह दिखाता है कि उत्तर भारत में वित्तीय तैयारी की और गुंजाइश है। ‘इंडिया प्रोटेक्शन कोशेंट एक्सप्रेस’ के मुख्य परिणाम पेश करते हुए हमारे सर्वे का कोविड केंद्रित संस्करण एक सार्थक निष्कर्ष पर पहुंचा है और हमारा उद्देश्य मुश्किल समय में निरंतर कवरेज के महत्व को समझाना और क्षेत्र के लोगों को समग्र वित्तीय सुरक्षा को अपनाने के लिए प्रेरित करना है।
सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि डिजिटल रूप से दक्ष पूर्वी भारत के शहरी प्रतिभागियों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों, वर्तमान परिस्थितियों में मौजूदा आय और दैनिक मेडिकल खर्चों के साथ जीवनशैली को बनाए रखने को लेकर चिंतित हैं। कोविड-19 के बढ़ते मामलों के साथ परिवार में किसी को यह संक्रमण होने की चिंता पूर्वी भारत में 74% प्रतिभागियों की बेचैनी की सबसे बड़ी वजह है। वहीं, 65% प्रतिभागी मौजूदा जीवनशैली बरकरार रखने और दैनिक मेडिकल खर्च को लेकर चिंतित हैं जबकि 61% प्रतिभागियों की सबसे बड़ी चिंता आजीविका कमाने वाले की गैर-मौजूदगी में परिवार की वित्तीय सुरक्षा है।
पूर्वी भारत की 40% टर्म स्वामित्व दर है देशभर में सर्वाधिक
आईपीक्यू एक्सप्रेस में खुलासा हुआ है कि पूर्वी भारत में विभिन्न लाइफ इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स् में से टर्म इंश्योरेंस ना सिर्फ सबसे अधिक खरीदी गई योजना है बल्कि इस क्षेत्र में टर्म इंश्योरेंस की स्वामित्व दर देश के अन्य क्षेत्रों के मुकाबले अधिक है। पूर्वी भारत के 40% डिजिटल दक्ष प्रतिभागियों के पास टर्म इंश्योरेंस है, 34% के पास एंडाउमेंट योजनाएं और सिर्फ 15% के पास अन्य बाजार लिंक्ड योजनाएं हैं। इसके अलावा, पूर्वी भारत में टर्म इंश्योरेंस की 40% स्वामित्व दर के मुकाबले दक्षिण, उत्तर व पश्चिम भारत में सिर्फ 34%, 35% और 37% के पास ही टर्म इंश्योरेंस है।
सर्वे में यह बात भी सामने आया है कि बचत के उद्देश्य में भी बदलाव हुआ है। पूर्वी भारत के 59% प्रतिभागियों के लिए बचत करने की मुख्य वजह परिवार में किसी को कोविड-19 होने पर उसका इलाज कराना है। इसके बाद 51% प्रतिभागियों के लिए गंभीर आपात मेडिकल स्थिति बचत करने की मुख्य वजह है। नौकरी या कारोबार जाने पर परिवार की आवश्यकताएं पूरी करना 43% डिजिटल दक्ष पूर्वी भारतीयों की प्राथमिकता थी।

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