पटना में बिहार के पहले डबल डेकर फ्लाईओवर का सीएम नीतीश ने किया उद्घाटन, 2.2 किलोमीटर लंबाई, जाम से मिलेगी राहत

  • नीतीश बोले- फ्लाईओवर से लोगों को परेशानी नहीं होगी, जल्द से जल्द पूरा करें बाकी बचा हुआ कार्य
  • 422 करोड़ की लागत से हुआ निर्माण, अशोक राजपथ से पीएमसीएच जाना हुआ आसान

पटना। पटना शहर को जाम से निजात दिलाने और यातायात को सुगम बनाने के लिए एक बड़ी परियोजना का कार्य पूरा हो गया है। बुधवार को अशोक राजपथ पर निर्मित बिहार का पहला डबल डेकर फ्लाईओवर अब पूरी तरह से तैयार है और इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कर दिया। इस परियोजना से न सिर्फ पटना शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को राहत मिलेगी, बल्कि यह फ्लाईओवर तकनीकी और शहरी विकास की दृष्टि से भी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
फ्लाईओवर की विशेषताएं और लागत
इस डबल डेकर फ्लाईओवर की कुल लंबाई 2.2 किलोमीटर है। इसका निर्माण कार्य 422 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया गया है। यह फ्लाईओवर दो स्तरों में बना है। पहला फ्लोर पटना कॉलेज से बीएन कॉलेज तक फैला है जिसकी लंबाई 1.5 किलोमीटर है, जबकि दूसरा फ्लोर कारगिल चौक से साइंस कॉलेज तक जाता है और यह पूरा 2.2 किलोमीटर लंबा है। यह फ्लाईओवर तीन स्तरों पर गाड़ियों की आवाजाही की सुविधा प्रदान करता है, जिसमें नीचे की सड़क के साथ दो अतिरिक्त ऊपरी मार्ग हैं। इस विशेष संरचना के कारण यह पूरे राज्य का पहला डबल डेकर फ्लाईओवर बन गया है।
5 लाख आबादी को सीधा लाभ
इस फ्लाईओवर से प्रतिदिन अशोक राजपथ पर यात्रा करने वाले लाखों लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। अनुमान है कि लगभग 5 लाख की आबादी इस फ्लाईओवर से लाभान्वित होगी। अब उन्हें पुराने जाम वाले मार्ग से होकर नहीं गुजरना पड़ेगा, जिससे समय की बचत के साथ-साथ ईंधन की भी बचत होगी। साथ ही पटना विश्वविद्यालय क्षेत्र, पीएमसीएच, साइंस कॉलेज जैसे शैक्षणिक और चिकित्सा संस्थानों तक पहुंचना भी अब अधिक आसान हो गया है।
उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री का संबोधन
फ्लाईओवर के उद्घाटन अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि अशोक राजपथ जैसे व्यस्त मार्ग पर यह डबल डेकर फ्लाईओवर एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इससे न केवल यातायात पर दबाव कम होगा, बल्कि आम नागरिकों को यात्रा करने में सुविधा मिलेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इस परियोजना से संबंधित जो भी कार्य शेष रह गए हैं उन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाए ताकि लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
विकास की दिशा में नई पहल
यह डबल डेकर फ्लाईओवर न केवल ट्रैफिक समस्या का समाधान करेगा, बल्कि यह शहरी योजनाओं और आधारभूत संरचनाओं के विकास की दिशा में बिहार सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। इस परियोजना ने यह दिखा दिया है कि अगर योजनाबद्ध तरीके से काम किया जाए तो किसी भी भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में भी अत्याधुनिक सुविधाएं संभव हो सकती हैं।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की उपस्थिति
उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ-साथ उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, अन्य मंत्रिगण, विधान परिषद सदस्य और कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। यह आयोजन न केवल एक निर्माण परियोजना के पूर्ण होने का संकेत था, बल्कि यह भी बताया कि आने वाले समय में राजधानी पटना को और भी स्मार्ट और व्यवस्थित बनाने की दिशा में कई नई परियोजनाएं लाई जाएंगी। अशोक राजपथ पर बना यह डबल डेकर फ्लाईओवर पटना शहर के लिए एक नई शुरुआत है। यह न केवल यातायात की समस्या का समाधान करेगा, बल्कि शहरी विकास की दिशा में भी मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटन के साथ ही यह संदेश भी गया कि सरकार शहरवासियों को बेहतर सुविधा देने के लिए तत्पर है और भविष्य में भी इसी प्रकार की योजनाएं समय पर पूरी की जाएंगी।
एक बार फ्लाईओवर पर चढ़े तो फिर नो यू-टर्न
बिहार राज्य पुल निर्माण निगम ने इस डबल डेकर फ्लाईओवर का निर्माण घनी आबादी के बीच कराया है। इस फ्लाईओवर पर चढ़ने के बाद यू टर्न लेने का कोई ऑप्शन नहीं है। यानी एक बार इस पुल पर चढ़े तो फिर दूसरे छोड़ पर ही उतरना होगा। इस फ्लाईओवर को तिरंगे की रोशनी से सजाया गया। साथ ही रंग-बिरंगी लाइटें भी लगाई गई हैं। खूबसूरती देने के लिए हर पिलर पर वर्टिकल गार्डनिंग भी की गई है। यह फ्लाईओवर छपरा के बाद बिहार का दूसरा डबल डेकर फ्लाईओवर है, जिसे 4 साल पहले स्वीकृति मिली थी। हालांकि छपरा में डबल डेकर फ्लाईओवर का काम किसी वजह से अटका हुआ है। वहीं, पटना का फ्लाईओवर बनकर तैयार हो गया है।
विधाओं के विस्तार और भविष्य की योजना
पटना के अशोक राजपथ पर बने डबल डेकर फ्लाईओवर ने शहर की यातायात व्यवस्था को काफी हद तक व्यवस्थित करने में सहायता की है। अब इस फ्लाईओवर से जुड़ी सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है और भविष्य में कुछ अहम निर्माण कार्य भी प्रस्तावित हैं। फ्लाईओवर के संचालन में यात्रियों की सुविधा, व्यापारिक गतिविधियों और आस-पास के कॉलेजों व अस्पतालों में पहुंच को ध्यान में रखते हुए कई अतिरिक्त संरचनाएं और सुविधाएं भी जोड़ी जा रही हैं।
साइंस कॉलेज के पास नया रैंप प्रस्तावित
फ्लाईओवर के मौजूदा ढांचे में कुल 67 पिलर और 5 प्रमुख रैंप शामिल हैं। ये रैंप कारगिल चौक, बीएन कॉलेज, पटना कॉलेज और पटना यूनिवर्सिटी जैसे महत्वपूर्ण स्थानों के पास बनाए गए हैं। हालांकि अब एक और रैंप साइंस कॉलेज के पास भी बनाने की योजना है, जिससे विद्यार्थियों और स्थानीय नागरिकों को और अधिक सुविधा मिल सकेगी। वर्तमान में यह कार्य मेट्रो रेल परियोजना के कारण रुका हुआ है, लेकिन अब इस रैंप का निर्माण कार्य मेट्रो परियोजना को सौंप दिया गया है। मेट्रो निर्माण पूरा होने के बाद ही इस स्थान पर छठा रैंप बन सकेगा, जिससे कुल रैंपों की संख्या बढ़कर छह हो जाएगी।
पटना कॉलेज के पास वाई-जंक्शन की विशेषता
एनआईटी मोड़ की ओर से आने वाले यात्रियों के लिए दो अलग-अलग रैंप बनाए गए हैं। इनमें एक साइंस कॉलेज से शुरू होता है, जबकि दूसरा पटना यूनिवर्सिटी से। ये दोनों लेन पटना कॉलेज में मिलते हैं। यहीं पर एक वाई के आकार की संरचना निर्मित की गई है, जिसे वाई-जंक्शन कहा जाता है। यह पटना कॉलेज के पास स्थित पिलर नंबर 56 के निकट है। यह संरचना यातायात की दिशा को सरल और सुरक्षित बनाने में मदद करेगी, खासकर उन यात्रियों के लिए जो गांधी मैदान की ओर जाना चाहते हैं।
सर्विस रोड और चौड़ीकरण कार्य
फ्लाईओवर के दोनों तरफ सर्विस रोड का निर्माण किया गया है। यह सर्विस रोड नजदीकी बाजारों, ऑफिसों और कॉलेजों तक आसानी से पहुंचने में मदद करेगा। इसके लिए कई भवनों और दुकानों को हटाया गया है। बीएन कॉलेज, संत मेरी चर्च, पीरबहोर थाना, पीएमसीएच और पटना यूनिवर्सिटी की बाउंड्री वॉल तोड़ी गई है, ताकि सर्विस रोड को पर्याप्त चौड़ाई मिल सके। इसके अलावा बीएन कॉलेज के पास 51 दुकानों को हटाया गया है जिससे सड़क चौड़ी हो सके और पैदल चलने वालों को भी सुविधा मिल सके।
नॉयज बैरियर से ध्वनि प्रदूषण में कमी
अशोक राजपथ पर गाड़ियों के लगातार हॉर्न बजने से स्थानीय निवासियों, मरीजों और विद्यार्थियों को भारी असुविधा होती थी। इस समस्या से निपटने के लिए फ्लाईओवर के दोनों तरफ विशेष नॉयज बैरियर लगाए गए हैं। ये बैरियर सड़क से उठने वाले शोर को लगभग 70 प्रतिशत तक कम करने में सक्षम हैं। इससे आसपास रहने वाले लोगों को काफी राहत मिलेगी और संस्थानों में पढ़ाई तथा मरीजों को आराम मिलेगा।
अशोक राजपथ की पुरानी स्थिति
फ्लाईओवर निर्माण से पहले अशोक राजपथ पटना की सबसे व्यस्त सड़कों में गिना जाता था। यहां दिनभर जाम की स्थिति बनी रहती थी। पटना यूनिवर्सिटी के छात्रों, पीएमसीएच के मरीजों और बाजार जाने वाले आम नागरिकों को घंटों ट्रैफिक में फंसे रहना पड़ता था। ऑफिस जाने वालों को अक्सर समय से पहले घर छोड़ना पड़ता था, या देर से पहुंचने की परेशानी झेलनी पड़ती थी। ऐसे में डबल डेकर फ्लाईओवर और इससे जुड़ी नई सुविधाओं ने इस इलाके की तस्वीर ही बदल दी है। अशोक राजपथ का डबल डेकर फ्लाईओवर केवल एक सड़क निर्माण परियोजना नहीं, बल्कि यह पटना के शहरी विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसके साथ जोड़े गए सर्विस रोड, वाई-जंक्शन, रैंप और नॉयज बैरियर जैसी योजनाएं इस बात का संकेत हैं कि सरकार ने जनसुविधा को प्राथमिकता में रखा है। जैसे-जैसे शेष निर्माण कार्य पूरे होंगे, यह परियोजना शहरवासियों के जीवन को और आसान बनाने में अहम भूमिका निभाएगी।

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