बांका में पारिवारिक विवाद से परेशान होकर महिला दो बच्चों के साथ कुएं में कूदी, तीनों के दर्दनाक मौत

बांका। बिहार के बांका जिले से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है। जिले के चान्दन थाना क्षेत्र अंतर्गत बिहायी गांव में मंगलवार की रात एक महिला ने अपने दो मासूम बच्चों के साथ कुएं में छलांग लगाकर जान दे दी। यह दुखद घटना पारिवारिक विवाद और मानसिक तनाव का परिणाम मानी जा रही है।
रात के झगड़े के बाद हुआ हादसा
घटना की शुरुआत मंगलवार की रात एक सामान्य घरेलू विवाद से हुई। जानकारी के अनुसार, गांव निवासी चन्दन यादव की पत्नी का अपनी सास के साथ किसी बात को लेकर तीखा विवाद हो गया। यह विवाद कोई नया नहीं था, बल्कि पिछले कुछ समय से घर में आपसी कलह का माहौल बना हुआ था। उसी रात, पारिवारिक तनाव से अत्यधिक आहत महिला ने ऐसा आत्मघाती कदम उठाया, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी।
कुएं में छलांग लगाकर दी जान
रात के अंधेरे में महिला अपने दोनों छोटे बच्चों को लेकर गांव के समीप स्थित एक कुएं के पास पहुंची। वहां बिना किसी को कुछ बताए उसने बच्चों के साथ कुएं में छलांग लगा दी। उस समय गांव में अधिकांश लोग अपने घरों में थे और किसी को भी घटना की भनक नहीं लगी। जब तक कोई कुछ समझ पाता, बहुत देर हो चुकी थी।
सुबह ग्रामीणों को मिली जानकारी
बुधवार की सुबह जब कुछ ग्रामीण कुएं की ओर गए तो उन्हें कुएं में कुछ संदिग्ध नजर आया। पास जाकर देखने पर मामला स्पष्ट हुआ। ग्रामीणों ने तुरंत इस घटना की सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही चान्दन थाना अध्यक्ष विष्णुदेव कुमार पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। स्थानीय लोगों की मदद से पुलिस ने कुएं से तीनों शवों को बाहर निकलवाया और पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा।
गांव में मातम और शोक का माहौल
इस त्रासद घटना के बाद पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। मृतका और बच्चों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव के लोग भी स्तब्ध हैं कि एक सामान्य घरेलू झगड़ा इतना बड़ा हादसा बन जाएगा। बच्चों की उम्र बहुत छोटी बताई जा रही है, जो इस हादसे को और भी ज्यादा मार्मिक बना देती है। गांव में हर कोई इस घटना को लेकर दुख और अफसोस व्यक्त कर रहा है।
पुलिस कर रही जांच
घटना के तुरंत बाद पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है। प्राथमिक दृष्टि में यह मामला पारिवारिक कलह और मानसिक तनाव का लग रहा है, लेकिन पुलिस हर पहलू की बारीकी से जांच कर रही है। पुलिस अधिकारी यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर महिला को ऐसा कदम उठाने पर मजबूर करने वाली परिस्थितियां क्या थीं। बांका जिले की यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि घरेलू विवादों को समय रहते हल करना कितना आवश्यक है। मानसिक तनाव और घरेलू कलह जब हद से बढ़ जाती है, तो उसका परिणाम कितना भयावह हो सकता है, इसका यह ताजा उदाहरण है। यह घटना समाज को यह सीख देती है कि पारिवारिक विवादों को संवाद और सहानुभूति से सुलझाना चाहिए, न कि चुप्पी और तनाव में जीते हुए ऐसे आत्मघाती कदम उठाने की ओर बढ़ना चाहिए। प्रशासन को भी चाहिए कि इस मामले में समुचित जांच कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाए और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा दे।
