पटना हाई कोर्ट में विधायक तेजप्रताप यादव के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर हुई सुनवाई, इस मामले को रिकॉर्ड पर रखने का आदेश

पटना । पटना हाईकोर्ट में लालू प्रसाद के बड़े बेटे व हसनपुर विधायक तेज प्रताप यादव के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। तेज प्रताप यादव के हसनपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचन को विजय कुमार यादव ने याचिका दायर की है।

कोर्ट में दोनों पक्षों ने विवादित बिंदुओं को दाखिल किया। जस्टिस वीरेंद्र कुमार ने इस मामले को रिकॉर्ड पर रखने का आदेश दिया। अब इस मामले पर 30 सितंबर को सुनवाई होगी। गवाही में संबंधित पक्षकार उन दस्तावेजों और गवाहों की सूची भी देंगे,जो इस मामले से जुड़े हुए हैं।

पूर्व स्वास्थ्य मंत्री व विधायक तेज प्रताप यादव के वकील जगन्नाथ सिंह ने बताया कि याचिकाकर्ता ने जनप्रतिनिधि एक्ट, 1951 की धारा 100 का हवाला देते हुए तेज प्रताप यादव के निर्वाचन को अमान्य घोषित करने के लिए यह चुनाव याचिका दायर की है।

याचिका में याचिकाकर्ता ने तेजप्रताप यादव के निर्वाचन को अमान्य करार देकर हारे हुए जदयू के प्रत्याशी राज कुमार राय को घोषित करने करने के लिए याचिका दायर की है। यह मामला 2020 में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव से जुड़ा हुआ है।

याचिका दायर करने का आधार तेजप्रताप की ओर से जानबूझकर अपनी संपत्ति के संबंध में पूरा ब्योरा नहीं देने का आरोप लगाया है। याचिकाकर्ता ने जनप्रतिनिधि कानून की धारा 123(2) के अनुसार इसे भ्रष्ट आचरण बताया है।

3 नवंबर, 2020 को विधानसभा चुनाव खत्म हुआ। 10 नवंबर, 2020 को चुनाव परिणाम घोषित किए गए थे, जिसमें तेज प्रताप यादव हसनपुर विधानसभा चुनाव क्षेत्र से विजयी हुए।

अब इस मामले में आगे की सुनवाई आगामी 30 सितंबर को होगी। ऐसे में अगर कोर्ट विधायक चुने जाने को अवैध ठहराता है, तो तेज प्रताप की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

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