फतुहा : EVM से ‘किस+मत’ बाहर आने लगा तो पिछड़ते चले गए दिग्गज, 15 से 13 पंचायतों में नये चेहरे बने मुखिया

फतुहा। पटना के फतुहा प्रखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का मतगणना के साथ ही शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न हो गया। मतगणना के साथ ही प्रखंड के सभी 15 पंचायत की जनता ने अपनी पंचायत सरकार भी चुन ली। लेकिन दो पंचायत के निर्वाचित मुखिया को छोड़कर जनता ने बदलाव पर भरोसा किया है। जनता को बदलाव से उनके क्षेत्र में विकास होने की संभावना जागी है। हालांकि उसफा और मासाढी पंचायत में जनता ने अपने पुराने मुखिया पर ही विश्वास जताया है तथा आगे भी उनके इस क्षेत्र में पुराने मुखिया द्वारा विकास का कार्य करने की संभावना जताई है। उसफा में देवशरण ठाकुर पर वहां की जनता ने दुबारा भरोसा कर मुखिया का ताज पहनाया है। वहीं मासाढी में राजीव कुमार पर कोरोना संकट में जनता के बीच बेहतर कार्य करने को लेकर भरोसा जताते हुए मुखिया का ताज पहनाया है। लेकिन 13 पंचायत में जनता ने पुराने मुखिया को इस कदर नकार दिया कि वे चुनाव के मैदान में अधिकांश जगहों पर दूसरे नंबर भी नहीं टिक सके। जनता ने परिवर्तन ही संसार का नियम है का नारा देते हुए बताया कि जो कार्य अब तक उनके पंचायत में नहीं हो सके, शायद परिवर्तन से जरुर हो जाएगा।
जनता ने दिग्गजों पर भी नहीं किया भरोसा
इस बार पंचायत चुनाव का परिणाम आचंभित करने वाला रहा। समर्थकों से लेकर प्रखंड के कई दिग्गज मुखिया अपने जीत को लेकर काफी आश्वस्त थे। उन्हें आभास भी नहीं था कि इस चुनाव में करारी शिकस्त मिलेगी। लेकिन जब ईवीएम से किस्’मत बाहर आने लगा तो वे पिछड़ते चले गये। उनकी जीतने की तमन्ना मायूसी में बदल गयी। अलावलपुर से दिग्गज मुखिया उपासना सिंह, मोमिनपुर से महेश कुमार उर्फ टुनटुन मुखिया, मोहिउद्दीन पुर से दीलिप यादव, जेठुली से रेखा देवी मतों की गिनती में काफी पिछड़ गये। इन पंचायत की जनता ने उनकी दिग्गजता पर भी भरोसा नहीं किया। नतीजा यह है कि कल तक जहां उनके आवास पर समर्थकों की चहल-पहल बनी रहती थी, आज वहां सन्नाटा पसरा है।

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