मुजफ्फरपुर में हुआ फर्जी स्कॉलरशिप कांड का खुलासा, कई फर्जी कोर्स में हुए आवेदन, जानिए पूरा मामला

मुजफ्फरपुर। सामान्य ग्रेजुएशन के लिए चलने वाले कॉलेज से बीटेक का फॉर्म भरा गया। आवेदन की सत्यता की जांच में निकले अधिकारियों की टीम ने जब कॉलेज की जांच की तो चला कि यहां किसी तरह का टेक्निकल कोर्स चलता ही नहीं है। इसी तरह कुढ़नी के एक प्लस 2 हाईस्कूल से छात्रों ने बीबीए का फॉर्म स्कॉलरशिप के लिए भरा। इस तरह एक-दो नहीं बल्कि बड़ी संख्या में छात्रों के आवेदन मिले हैं। कहीं फर्जी कोर्स तो कहीं फर्जी छात्र के नाम पर स्कॉलरशिप लेने के लिए आवेदन किए गए हैं। पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप की जांच में यह मामला सामने आया है। सत्र 19-20, 20-21 और 21-22 के लिए आए हुए आवेदन की जांच का आदेश मिला है। जिले के अंदर के संस्थानों के लिए आए आवेदन की जांच अलग-अलग टीम बनाकर की जा रही है। अनु. जाति-जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग के छात्रों को इसके तहत स्कॉलरशिप दी जाती है। छात्रों ने ऑनलाइन आवेदन भरा था। इसके बाद इंस्टीट्यूट स्तर पर जांच करनी थी और इसके साथ ही जिला स्तरीय टीम को अलग से इसका वेरिफिकेशन करना है।

इंस्टीट्यूट की जांच में भी पकड़े गए कई आवेदन

तीन वर्षों में 287 इंस्टीट्यूट के लिए अभ्यर्थियों ने स्कॉलरशिप को लेकर आवेदन किया। कुल 38960 आवेदन आए जिसमें 17764 को वेरीफाइ किया गया। 1107 आवेदन में अलग-अलग गड़बड़ी पाई गई। इसमें अधिकतर आवेदन वैसे थे जिसमें वह कोर्स कॉलेज में था ही नहीं या संबंधित छात्र ही कॉलेज में नामांकित नहीं था। अधिकारियों ने कहा कि इसमें कई आवेदन इंस्टीट्यूट स्तर की जांच में पकड़े गए हैं। आवेदन इंस्टीट्यूट से फारवर्ड होने की बात पूछने पर बताया गया कि साइबर कैफे से अधिकतर फॉर्म भराया जाता है। ऐसे में वहीं से तकनीकि गड़बड़ी हुई है। हालांकि, अभी ऐसे सैकड़ों मामले होने की संभावना है। अभी जांच विभिन्न प्रखंड में शुरू भी नहीं हुई है।

फर्जी कोर्स को लेकर जो आवेदप पकड़े गए, उसमें सबसे अधिक मामले कुढ़नी, मुशहरी और पारू के हैं। मुशहरी के एक कॉलेज में 100 से अधिक ऐसे आवेदन पकड़े गए हैं। डीपीओ समग्र शिक्षा अभियान अमरेन्द्र पांडेय ने कहा कि जो आवेदन इंस्टीट्यूट के स्तर से वेरीफाई हैं, उनकी जांच हो रही है। अलग प्रखंड से और भी ऐसे मामले आ सकते हैं। संबंधित संस्थान से भी जवाब मांगा जा रहा है।

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