राजस्थान में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के घर पर ईडी की छापेमारी, सीएम गहलोत के बेटे को समन जारी

जयपुर। प्रवर्तन निदेशाल ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव के खिलाफ समन जारी किया है। उन्हें यह समन विदेशी मुद्रा अधिनियम, 1999 की धारा 37(1) और (3) के अंतर्गत जारी किया गया है। वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा के घर ईडी ने छापेमारी की है। मुख्यमंत्री गहलोत ने एक्स पर किए एक पोस्ट में प्रवर्तन निदेशाल के समन को लेकर जानकारी दी है। वैभव गहलोत को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम में कथित अनियमितताओं के मामले में पूछताछ के लिए 27 अक्टूबर को तलब किया गया है। वहीं डोटासरा के यहां ईडी छापेमारी पेपर लीक मामले में हो रही है। खबर के मुताबिक, जयपुर के साथ-साथ यह छापेमारी सीकर में भी रही है। ईडी की छापेमारी पर कांग्रेस नेता आरसी चौधरी ने कहा कि बीजेपी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। वही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ईडी के इस एक्शन पर ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘चुनाव आते ही ईडी, सीबीआई, आईटी आदि भाजपा के असली ‘पन्ना प्रमुख’ बन जाते हैं।राजस्थान में अपनी निश्चित हार को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने चला अपना आख़िरी दाँव ! ईडी ने छत्तीसगढ़ के बाद राजस्थान में भी विधानसभा चुनाव अभियान में उतरते हुए कांग्रेसी नेताओं के ख़िलाफ़ कार्रवाई शुरू कर दी है। मोदी सरकार की तानाशाही लोकतंत्र के लिए घातक है। हम एजेंसियों के दुरपयोग के ख़िलाफ़ लड़ते रहेंगे, जनता भाजपा को क़रारा जवाब देगी।
सीएम ने केंद्र पर साधा निशाना
सीएम गहलोत ने इस छापेमारी को लेकर सीएम गहलोत ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, ‘दिनांक 25/10/23। राजस्थान की महिलाओं के लिए कांग्रेस की गारंटियां लॉंच की।दिनांक 26/10/23 को राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह जी डोटासरा के यहाँ ईडी की रेड, मेरे बेटे वैभव गहलोत को ईडी में हाज़िर होने का समन। अब आप समझ सकते हैं, जो मैं कहता आ रहा हूँ कि राजस्थान के अंदर ईडी की रेड रोज़ इसलिए होती है क्योंकि भाजपा ये नहीं चाहती कि राजस्थान में महिलाओं को, किसानों को, गरीबों को कांग्रेस द्वारा दी जा रही गारंटियों का लाभ मिल सके।’
अशोक गहलोत के बेटे के खिलाफ शिकायत
मामला ईडी की जांच के दायरे में तब आया जब जयपुर के दो निवासियों ने 2015 में एक शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें कहा गया था कि वैभव गहलोत ने मॉरीशस स्थित ‘शिवनार होल्डिंग्स’ नाम की कंपनी से अवैध धन को ठिकाने लगाया था। इस कंपनी पर एक शेल कंपनी होने का संदेह है। शिकायत के अनुसार, 2011 में होटल के 2,500 शेयर खरीदकर मॉरीशस स्थित फर्म से ट्राइटन होटल्स को फंड डायवर्ट किया गया था। उक्त शेयर 39,900 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से खरीदे गए थे जबकि मूल शेयर की कीमत प्रत्येक शेयर के लिए केवल 100 रुपये थी। शिकायतकर्ताओं ने कहा कि शिवनार होल्डिंग्स 2006 में बनाई गई थी और इसका उद्देश्य केवल काले धन को ठिकाने लगाना था। शिकायत में कहा गया है कि ट्राइटन होटल्स एंड रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को 15 मार्च 2007 को वैभव गहलोत के करीबी रतन कांत शर्मा द्वारा पंजीकृत किया गया था। सूत्रों के अनुसार, ईडी ने अपनी जांच में पाया कि ट्राइटन होटल्स ने फेमा प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए शिवनार होल्डिंग्स लिमिटेड से भारी प्रीमियम पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्राप्त किया। जांच में आगे पता चला कि ट्राइटन समूह सीमा पार हवाला लेनदेन में शामिल रहा है। वहीं जिस गोविंद सिंह डोटासरा के वहां आज ईडी की रेड हो रही हैं, उनकी गिनती प्रदेश के बड़े कांग्रेसी नेताओं में होती है। वह गहलोत कैबिनेट में प्राइमरी और सेकेंडरी एजुकेशन विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे हैं। 2018 के चुनाव में गोविंद सिंह डोटासरा ने लगातार तीसरी बार लक्ष्मणगढ़ सीट से जीत दर्ज की। ईडी की इस कार्रवाई पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा का बयान आया है। उन्होंने कहा है कि राजस्थान में होने जा रहे चुनाव में अपनी हार सुनिश्चित देखकर बीजेपी बौखलाई हुई है। बीजेपी के पास मुद्दे नहीं हैं, इसलिए कांग्रेस पार्टी पर दबाव बनाने के षड्यंत्र के तौर पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के यहां ईडी का एक्शन दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आगे कहा कि जनता देख रही है कि देशभर में बीजेपी विपक्ष के नेताओं पर आक्रमण करती है, केस करती है। केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करती है। लेकिन कांग्रेस पार्टी डरने वाली नहीं है, एक तरफ तानाशाही हुकूमत है तो दूसरी तरफ लोकतंत्र और संविधान में पूर्ण आस्था लिए सच्चाई की ताकत। संघर्ष जारी है, जारी रहेगा, हम लड़ेंगे, हम जीतेंगे। बीजेपी का कोई भी दबाव और टारगेटेड एक्शन राजस्थान में कांग्रेस सरकार रिपीट होने से नहीं नहीं रोक पाएगा।

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