पटना में साइबर गिरोह का खुलासा : 14 लाख कैश सहित भारी मात्रा में जेवरात बरामद, 5 आरोपी गिरफ्तार

पटना। राजधानी पटना में साइबर अपराधियों का एक गैंग एक्टिव था। जो की लंबे वक्त से झांसा देकर लोगों को ठग रहा था। वही अब इस गैंग पर कानूनी शिकंजा कस गया है। वो भी एक TV इंस्टॉल करने वाले शख्स की मदद से। दरअसल, साइबर अपराधियों का एक गैंग लगातार आम लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना रहा था। बता दे की झांसा देकर लोगों के अकाउंट को खाली कर दे रहा था। वही इस मामले में EOU को शिकायत मिली थी। वही दो मोबाइल नंबर EOU के हाथ लगे थे। उसके आधार पर जब जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि एक व्यक्ति के अकाउंट से लाखों रुपए गायब किए गए। उन्हीं रुपयों से एक नामी और ब्रांडेड कंपनी का करीब 1.50 लाख रुपए का TV खरीदे जाने की बात सामने आई। जिसके बाद EOU की टीम ने पड़ताल की। तब साइबर अपराधी के घर TV इंस्टॉल करने वाले का पता चला। फिर डिटेन कर उससे पूछताछ की गई। जब क्लू मिला तो फिर कार्रवाई हुई। वही बुधवार को EOU की तरफ से 5 साइबर अपराधियों को पटना के एग्जीविशन रोड से गिरफ्तार किए जाने का खुलासा किया गया है। बता दे की 24 साल का राहुल है मेन सरगना गिरफ्तार साइबर अपराधियों की उम्र 21 से 24 तक की है। इनमें पटना सिटी के मालसलामी थाना के मछुआ टोली का राहुल कुमार उर्फ सन्नी मेन सरगना है। जबकि, इसके गैंग में छपरा के गांधी चौक का प्रिंस राज, खांजेकला का कन्हैया कुमार उर्फ झुनझुनवाला, वैशाली के खेदरपुरा का हिमांशु राज और बेगूसराय के चमथा चाय रोड का गणेश कुमार शामिल थे।

इन्हें पकड़े जाने के बाद EOU की टीम ने इनके लवकुश टॉवर और दादरमंडी के ठिकानों पर छापेमारी की। वहां से कुल 14 लाख 10 हजार रुपया कैश बरामद किया। फिर 17 लाख 56 हजार रुपए का 293.600gm सोना, 36.500gm चांदी, 70 मोबाइल फोन, 109 ATM कार्ड, 86 बैंक पासबुक और चेकबुक, 6 आधार कार्ड, 4 पैन कार्ड, 1 वोटर आईडी कार्ड, 1 ऑल इन वन डेस्क टॉप कम्प्यूटर, 2 लैपटॉप, 1 स्मार्ट टीवी, नोट गिनने की मशीन, एक स्कूटी और एक बाइक बरामद की गई है। जामताड़ा और देवघर के गैंग से है कनेक्शन पटना में साइबर अपराधियों का यह गैंग कोरोना काल में एक्टिव हुआ है। 2021 से लगातार लोगों को ठगी बना रहा है। वही सरगना राहुल का कनेक्शन झारखंड में जामताड़ा और देवघर के साइबर अपराधियों से हैं। ये कई बार वहां जा भी चुका है। इस शातिर ने फर्जी नाम पर लिए अपने 2 मोबाइल नंबर को अलग-अलग बैंक के कस्टमर केयर के नाम से गूगल पर सबसे ऊपर कर रखा था। ऑनलाइन कस्टमर केयर सर्च करने वाले लोग इसके जाल में फंस जाते थे। कॉल आते ही बैंक स्टाफ की तरह फोन पर बात करते थे। वही इसके बाद बातों ही बातों में ANY DESK या RUSK DESK APP इंस्टॉल करवा देते थे। फिर OTP पूछकर अकाउंट से रुपए गायब कर देते थे।

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