गोदावरी दत्त के निधन पर सीएम नीतीश में व्यक्त की गहरी शोक संवेदना, कला जगत के लिए बताया अपूर्ण क्षति
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुप्रसिद्ध कला जगत की शख्सियत गोदावरी दत्त के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। बुधवार को अपने शोक संदेश में उन्होंने कहा कि गोदावरी दत्त का निधन कला और संस्कृति के क्षेत्र में एक अपूर्णीय क्षति है। उन्होंने दत्त के योगदानों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने अपने जीवनकाल में न केवल मिथिला कला को समृद्ध किया, बल्कि उसे विश्व स्तर पर पहचान दिलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गोदावरी दत्त, जो मिथिला पेंटिंग की जानी-मानी कलाकार थीं, ने अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण कार्य किए। उन्होंने न केवल अपने परिवार और समुदाय के भीतर मिथिला कला की परंपरा को जीवित रखा, बल्कि उन्होंने इस कला को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उनका कला के प्रति समर्पण और जुनून उन्हें अन्य कलाकारों से अलग बनाता था। उनकी पेंटिंग्स में न केवल मिथिला की पारंपरिक शैली दिखाई देती थी, बल्कि वे अपने चित्रों के माध्यम से सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों को भी उजागर करती थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोदावरी दत्त का निधन केवल उनके परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे कला जगत के लिए एक बड़ी क्षति है। उन्होंने उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि इस कठिन समय में ईश्वर उन्हें इस दुख को सहन करने की शक्ति दे। उन्होंने कहा कि गोदावरी दत्त के योगदान को सदैव याद रखा जाएगा और उनके कार्यों से आने वाली पीढ़ियां प्रेरणा लेती रहेंगी। गोदावरी दत्त का जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ था, जहां मिथिला पेंटिंग की समृद्ध परंपरा थी। उन्होंने अपने बचपन से ही इस कला को सीखना शुरू कर दिया था और धीरे-धीरे उन्होंने इसमें महारत हासिल की। उनकी कला को न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी सराहा गया। उन्होंने अपने जीवनकाल में कई प्रदर्शनों में भाग लिया और उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया। गोदावरी दत्त की पेंटिंग्स में मिथिला की गहरी सांस्कृतिक जड़ें दिखाई देती थीं। उनकी रचनाओं में धार्मिक, पौराणिक और सामाजिक मुद्दों का समावेश होता था। उनकी कला के माध्यम से मिथिला की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं की झलक मिलती थी। उन्होंने अपने चित्रों के माध्यम से नारी सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक समानता जैसे मुद्दों को भी उठाया।मुख्यमंत्री ने कहा कि गोदावरी दत्त ने अपने जीवन में जो योगदान दिया है, उसे कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। उनकी कला हमेशा जीवित रहेगी और आने वाले समय में भी लोगों को प्रेरित करती रहेगी। उनके निधन से जो रिक्तता उत्पन्न हुई है, उसे भरना बहुत मुश्किल होगा। मुख्यमंत्री ने उनके परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और कहा कि बिहार सरकार उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए हर संभव कदम उठाएगी। इस प्रकार, गोदावरी दत्त के निधन से न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश के कला प्रेमियों के बीच शोक की लहर दौड़ गई है। उनकी अनुपस्थिति को सदैव महसूस किया जाएगा, लेकिन उनके द्वारा छोड़ी गई कला की धरोहर हमेशा जीवित रहेगी।