स्नेहा कांड और चमकी बुखार मामले में 16 जुलाई को मुख्यमंत्री का घेराव करेगी जनतांत्रिक विकास पार्टी
पटना। जनतांत्रिक विकास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल कुमार ने आज पटना स्थित प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जनतांत्रिक विकास पार्टी कांस्टेबल स्नेहा कांड में सीबीआई जांच, बेटियों के साथ बलात्कार और मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार मामले 16 जुलाई को मुख्यमंत्री का घेराव करेगी। उन्होंने कहा कि सत्ता में बैठे लोगों के अहंकार संवेदनहीनता और निकम्मेपन के कारण आज बिहार एक बार फिर से बुरी तरह बदनाम हो रहा है। हत्या, लूट, बलात्कार, गरीबी, कुपोषण आदि से राज्य में हाहाकार मचा हुआ है। जनता हताश और निराश है। लेकिन फिर राज्य सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है।
उन्होंने कहा कि सिवान में बहादुर बेटी स्नेहा को जिस तरह से गायब कर दिया गया और गलत तरीके से पुलिस प्रशासन द्वारा उनके परिजनों को किसी और का शव देकर आनन-फानन में जबरदस्ती दाह संस्कार करा दिया गया, वह बेहद शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि आज देश में हिंदू वाली सरकार है जो एक गाय के मरने पर हंगामा कर देती है लेकिन एक बेटी की जिस तरह से हत्या कर दी जाती है और उसका जबरदस्ती दाह संस्कार किया जाता है जो कि हिंदू रीति रिवाज के खिलाफ है, फिर भी किसी का हिंदुत्व नहीं जगता है। नारी तू नारायणी कहलाने वाले इस देश में महिलाओं की इज्जत आसानी से नीलाम हो रही है और डबल इंजन की सरकार है खोखला बेटी बचाओ बेटी बेटी पढ़ाओ का नारा देती है।
अनिल कुमार ने कहा कि हम मांग करते हैं कि स्नेहा कांड में जांच सीबीआई से हो जांच के बाद इस मामले में कार्यवाही स्पीडी ट्रायल के जरिए हो और जो लोग भी इस मामले में दोषी हैं उन्हें फांसी की सजा मिले। जनतांत्रिक पार्टी स्नेहा को न्याय मिलने तक और मुजफ्फरपुर मामले में सरकार की कार्रवाई तक आंदोलन जारी रखेगी और इसकी शुरूआत 16 जुलाई को मुख्यमंत्री आवास का घेराव के साथ होगी। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर चमकी बुखार से मरने वालों की संख्या 200 के पार चली गई लेकिन सरकार ने बड़ी बेशर्मी से कोर्ट में हलफनामा देकर कहा कि प्रदेश में 50% से ज्यादा डॉक्टरों – नर्सों की कमी है। ऐसे में सवाल उठता है स्वघोषित सुशासन बाबू का राज राक्षस राज नहीं तो और क्या है।
उन्होंने कहा कि सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक जिनके बच्चे मारे गए हैं या मरते-मरते बचे हैं वह या तो बीपीएल यानी कुपोषण के शिकार हैं। आज भी प्रदेश में ऐसे कई गांव हें, जहां कई घरों में चूल्हे नहीं जलते फिर भी सरकार बेशर्मी से ढोल पीटते रहती है कि सबका विकास हो रहा है, वहीं विपक्ष भी सरकार की नाकामियों को सत्य के साथ उजागर करने में संकोच करता है। राज्य में अपराधियों के समानांतर सरकार चल रही है। हत्या लूट बलात्कार की घटनाएं रोज सुर्खियां बनती हैं। लेकिन उनके नियंत्रण के लिए कारगर कार्रवाई नहीं हो रही है। यह अब प्रदेश की जनता को स्वीकार्य नहीं है, इसलिए हम उनकी आवाज बन आंदोलन को मजबूर हुए हैं।