पेगासस की आड़ में देश की निजता को बेच रही है भाजपा, जवाब दें PM मोदी : मदन मोहन

पटना। इजरायली जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस की मदद से भारतीय राजनेताओं, न्यायाधीशों, पत्रकारों, नागरिक अधिकारों के लिए सक्रिय कार्यकर्ताओं सहित 121 प्रमुख भारतीय लोगों के फोन टैपिंग विवाद में फंसी केंद्र सरकार पर बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने जमकर हमला बोला।
राहुल गांधी के कार्यालय तक का फोन टैप करवाया
पार्टी कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश अध्यक्ष डॉ. झा ने बताया कि पेगासस सॉफ्टवेयर की मदद से भारतीय सरकार विपक्ष के नेताओं जिनमें कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी के कार्यालय तक का फोन टैप करवाया गया है, यह देश की आंतरिक सुरक्षा को विदेशी कंपनी के हाथों गिरवी रखने वाला कुकृत्य है। उन्होंने बताया कि फोन टैपिंग के मामले में 22 जुलाई को बिहार कांग्रेस के प्रमुख नेताओं द्वारा राजभवन मार्च किया जाएगा। विपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित अन्य प्रमुख नेताओं, पत्रकारों और न्यायाधीशों की फोन टैपिंग को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने सीधे सीधे नागरिक अधिकारों से जोड़कर कहा कि ये निजता के हनन का मामला है। किसी भी लोकतांत्रिक देश में तानाशाही रवैये के साथ प्रधानमंत्री और गृह मंत्री द्वारा ऐसा व्यवहार किया जाना बेहद ही गलत काम है।
मुख्यमंत्री नीतीश भी सशंकित
प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि इस कंपनी का सॉफ्टवेयर केवल देश की सरकारों और उनकी एजेंसियों को ही बिक्री के लिए एनएसओ कंपनी द्वारा अधिकृत किया गया है। एमटीएनएल जैसे टेलीफोन और इंटरनेट प्रदाता कंपनी तक को सिटीजन रिपोर्ट में बताया गया कि इस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से नजर रखा गया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सशंकित हैं कि उनकी भी जासूसी की जा रही है। उन्हें इस बात का भय निश्चित तौर पर है कि उनके ही सहयोगी उनकी जासूसी करवा रहे हैं।
पूर्व आईटी मंत्री ने जासूसी की बात स्वीकारी थी
उन्होंने बताया कि 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान अप्रैल-मई में सेलफोन से डाटा इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से चुराया जा रहा था। नए आईटी मंत्री द्वारा देश को बरगलाने का काम किया गया और ऐसे किसी भी सॉफ्टवेयर के उपयोग से अनभिज्ञता जाहिर की गई जबकि पूर्व आईटी मंत्री ने स्वयं 28 नवंबर 2019 को 121 लोगों की जासूसी की बात स्वीकार की थी।
राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपेगी
इन मुद्दों को लेकर कांग्रेस राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपेगी और गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग करेगी। संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़, प्रवक्ता जया मिश्र, असित नाथ तिवारी, मीडिया पैनलिस्ट ज्ञान रंजन, युवा कांग्रेस अध्यक्ष गुंजन पटेल, स्नेहाशीष वर्धन पांडेय, सौरभ सिन्हा सहित अन्य नेता मौजूद रहें।
प्रधानमंत्री से इन सवालों का मांगा जवाब
संवाददाता सम्मेलन के माध्यम से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री से जवाब मांगा कि आखिर भारतीय सुरक्षा बल, न्यायपालिका, कैबिनेट मंत्री, विपक्ष के नेताओं, पत्रकारों की ताकझांक में विदेशी सॉफ्टवेयर की मदद लेना गलत कृत्य है या नहीं?
* अप्रैल-मई 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार राहुल गांधी के कार्यालय सहित अन्य प्रमुख लोगों की जासूसी करने वाली यह सरकार की मंशा क्या थी?
* कितने करोड़ रुपये से इस सॉफ्टवेयर की खरीद की गई और किसके आदेश से यह खरीद हुई?
* सरकार को जब पता था कि 2019 से जासूसी का कार्य अनवरत चल रहा है तो उसने चुप्पी क्यों साध रखी थी?
* राष्ट्रीय आंतरिक मसलों को विदेश कम्पनी के हाथों गिरवी रखने के एवज में क्या गृह मंत्री अमित शाह को इस्तीफा नहीं देना चाहिए?
* प्रधानमंत्री, गृह मंत्री सहित जासूसी प्रकरण में संलिप्त सभी लोगों पर सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा निगरानी में सम्पूर्ण जांच होनी चाहिए साथ ही दोषियों को चिन्हित करके कार्रवाई की जानी चाहिए।

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