सीएम नीतीश कुमार के आरोप पर भड़के लालू के ‘सिपहसालार’,किया आरोपों का जोरदार खंडन

पटना। राजद के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. रामचन्द्र पूर्वे एवं प्रधान महासचिव आलोक कुमार मेहता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लालू जी के बारे में तथ्यहीन बयान देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि नीतीश जी ने लालू जी पर जेल से सियासत करने और लोगों से फोन पर बात करने का आरोप लगाया है। जबकि लालू जी के वार्ड में लगातार छापामारी हो रही है और आज तक कभी भी उनके पस से कोई भी आपत्तिजनक सामग्री नहीं पायी गई है।

राजद नेताओं ने कहा है कि मुख्यमंत्री जैसे जिम्मेवार पद पर रहने वाले व्यक्ति को इस ढंग से बेबुनियाद आरोप लगाना उनके हताशा और निराशा का परिचायक है। लगता है कि अपनी संभावित हार को देख कर जनता के मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए उनके द्वारा इस तरह का बयान दिया गया है।

राजद नेताओं ने कहा है कि यह सर्वविदित है कि लालू जी जेल के नियमों का पालन करते हैं। और नियमानुसार शनिवार के दिन जेल प्रशासन के अनुमति से सीमित संख्या में ही लोग उनसे मिल पाते हैं। इसके बावजूद प्रशासन द्वारा उनके वार्ड का बार-बार निरीक्षण करा कर विभिन्न बिमारियों से जूझ रहे लालू जी को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की साजिश की जा रही है।

एक अन्य बयान में राजद के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा है कि झारखंड के जेल आईजी वीरेन्द्र भूषण द्वारा लालू जी के बारे में दिए गए स्पष्टीकरण के बाद गुमराह करने वाले बयान देने के लिए नीतीश कुमार को बिहार की जनता से माफी मांगनी चाहिए।

गगन ने कहा है कि झारंखड के जेल आईजी वीरेन्द्र भूषण एवं स्थानीय प्रशासन के रिम्स में ईलाज करवा रहे लालू प्रसाद के पास किसी भी प्रकार का फोन होने से इंकार किया है। उन्होंने यह भी कहा है कि इससे पहले लालू प्रसाद के वार्ड में कई बार औचक निरीक्षण कराया गया था उस वक्त भी उनके पास किसी भी प्रकार के फोन अथवा आपत्तिजनक सामग्री नहीं पायी गई थी।

राजद नेता ने कहा है कि एनडीए नेताओं द्वारा जनता के सवालों का जवाब देने में अपने को अक्षम पाकर लालू जी एवं उनके परिवार के नाम पर सियासत की जा रही है। जनता से जुड़े मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिये लालू जी, तेजस्वी प्रसाद जी एवं उनके परिवार के बारे में अनर्गल और बेबुनियाद बयानबाजी की जा रही है।

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