बिहार पुलिस का इंसाफ देखिए,बक्सर में निलंबन तो पटना में हो गए खामोश… आखिर क्यों……

पटना।(अमृतवर्षा ब्यूरो) एक ही तरह के हरकत-आरोप पर कार्रवाई करने में बिहार पुलिस की इंसाफ शैली डबल स्टैंडर्ड हो जाती है?जहां एक और एक ही तरह के इल्जाम में बक्सर वाले दरोगा को निलंबन की सजा मिल गई वहीं पटना वाले इंस्पेक्टर को नोटिस जारी करने की हिम्मत किसी अधिकारी में नहीं हुई।बिहार पुलिस के दोनों अधिकारियों ने निरीह जनता के साथ मारपीट की थी।दोनों मामले में वीडियो सामने आया था। वीडियो वायरल होने के बाद दरोगा को निलंबित कर दिया गया है लेकिन पटना के ट्रैफिक थानेदार पर अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई।उल्टे कहा तो यहां तक जा रहा है कि ट्रैफिक थानेदार को बचाने की कोशिश की जा रही है। विभागीय सूत्रों के अनुसार वायरल वीडियो सामने आने के बावजूद भी यातायात थाना प्रभारी पर कार्रवाई नहीं करने के पीछे उनके राजनीतिक आकाओं का वरद हस्त बताया जाता है। प्राप्त खबरों के अनुसार बक्सर के जिस दरोगा को एक युवक के साथ मारपीट करते वीडियो वायरल हुआ उस मामले में पुलिस मुख्यालय हरकत में आ गया ।इसके बाद फौरन कार्रवाई करते हुए 24 घंटे के भीतर  निलंबति कर दिया गया।लेकिन सरकार के नाक के नीचे राजधानी पटना में जिस तरह से ट्रैफिक थानेदार ने गुंडागर्दी की उस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की।वीडियो वायरल हुए दो दिन बीत गए लेकिन पटना पुलिस के अधिकारियों ने जांच कराना भी मुनासिब नहीं समझा।ज्ञातव्य हो कि बक्सर में  नगर थाना के दरोगा रौशन कुमार जब बिना हेलमेट के गुजर रहे थे तो एक शख्स ने उनसे हेलमेट नहीं पहनने का कारण पूछा। इससे दरोगा जी भड़क गए और उसके साथ गाली-गलौज की और खींचते हुए थाने ले गए।दरोगा की गुंडई का वीडियो सामने आने पर पुलिस की भारी फजीहत हो गई।इसके बाद छवि बचाने के लिए आरोपी दरोगा को निलंबित कर दिया गया।

 

वहीं शुक्रवार को पटना के ट्रैफिक थानेदार अरूण कुमार की वाहन चेकिंग के क्रम में एक युवक के साथ मारपीट का वीडियो वायरल हुआ था।जिसमें ट्रैफिक थाना इंचार्ज एक युवक को लातो घुसो से पीटते हुए दिखाई दे रहे हैं।इस वीडियो के बाबत थानेदार ने बताया था कि उक्त युवक अपनी गाड़ी में आग लगाने जा रहा था जिस कारण उसके साथ जबरदस्ती करना पड़ा मगर अपने दलील के पक्ष में उन्होंने कोई को साक्ष्य-प्रमाण नहीं दिया। वायरल वीडियो होने के बाद बिहार पुलिस के इमेज को देखते हुए कार्रवाई होने की उम्मीद जगी थी।मगर बक्सर वाले मामले में निलंबन जैसी कार्रवाई करने वाली बिहार पुलिस के आला अधिकारी पटना वाले मामले में खामोश हो गए हैं।

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