बीएसएससी दूसरी पाली का भी पेपर लीक होने का दावा, अभ्यर्थी बोले- सरकार रद्द करें पूरी परीक्षा

पटना। बिहार कर्मचारी चयन आयोग की तृतीय स्नातक परीक्षा विवादों में आ गई है। कल 23 दिसंबर को पहली पाली के बाद दूसरी पाली का भी क्वेश्चन लीक होने का दावा किया जा रहा है। साथ ही अब पूरी परीक्षा को ही रद्द करने की मांग उठ रही है। मामले को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे छात्र नेता दिलीप कुमार ने कहा है कि कल दूसरी पाली का प्रश्नपत्र भी दोपहर 3:00 बजे के करीब वायरल हो गया था। प्रथम पाली के बारे में मैंने आर्थिक अपराध इकाई को सूचना दे दी थी। दूसरी पाली के बारे में भी रात में सूचना भेज दी है। अब तीनों पालियों की परीक्षा रद्द करनी चाहिए। तीसरी पाली की परीक्षा आज 24 दिसंबर को ली गई है। बीएसएससी की 23 दिसंबर को हुई परीक्षा की पहली पाली के समय प्रश्न पत्र लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने जांच पड़ताल शुरू कर दी है। जांच शुरू है लेकिन अब तक परीक्षा रद्द नहीं की गई। बीएसएससी अपने बचाव वाला तर्क दे रहा है। बीएसएससी के सचिव ने कहा- ‘परीक्षा समाप्त होने तक इन प्रश्नों के उत्तर का आदान-प्रदान किसी स्तर पर परीक्षा की अवधि के दौरान सामने नहीं आया है।’ दूसरी तरफ प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कराने वाले एक्सपर्ट हों या महागठबंधन में शामिल और सरकार को समर्थन कर रही पार्टी भाकपा माले हों, सभी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। वही पटना में छात्र-छात्राओं को बीएसएससी परीक्षा की तैयारी कराने वाले गुरु रहमान कहते हैं कि जब बीएसएससी का पेपर 11 बजकर 20 मिनट पर लीक हुआ तो स्पष्ट है कि पेपर लीक हुआ। इसमें अधिकारी ये बात नहीं कहें कि आंसर का आदान-प्रदान नहीं हुआ है। सबसे बड़ी बात यह है कि एक मिनट पहले भी प्रश्न पत्र लीक होता है तो उसे लीक माना जाता है। निश्चित रूप से यह माफियाओं की बहुत बड़ी साजिश है। इसलिए आयोग के अध्यक्ष और सचिव का दायित्व बनता है कि जल्द से जल्द इस परीक्षा को रद्द करें।
आयोगों में 3 साल से ज्यादा कोई अफसर-कर्मी न रहे : माले
माले के युवा विधायक संदीप सौरभ ने कहा है कि हम देख रहे हैं कि लगातार बिहार में प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक का मामला सामने आ रहा है। बीएसएससी परीक्षा से पहले BPSC 67वीं पीटी का प्रश्न पत्र लीक हो गया था। बीएसएससी की बहाली जो 2014 में इंटर स्तरीय थी उसमें भी पेपर लीक हुआ था। तब के अध्यक्ष और सचिव को जेल जाना पड़ा था। अभी स्नातक स्तर की बहाली लंबे समय के बाद आई है और लाखों अभ्यर्थी जो कई तरह की समस्याओं का सामना करते हुए सेंटर तक पहुंचे। लेकिन उन्हें कैसा लग रहा होगा जब पता चला कि प्रश्न पत्र लीक हो गया है। उन्होंने कहा कि बीएसएससी ने जूता पहन कर आने की मनाही की, चप्पल पहन कर सेंटर में आने को कहा, कलम लेकर आने से मना किया। लेकिन ये सब महज दिखावा साबित हुआ। दिखावे से पेपर लीक की घटना नहीं रुक सकती। पेपर लीक का मतलब है ऊपर से बड़े अधिकारियों की संलिप्तता इसमें है। जो शामिल हैं उन पर कड़ी कार्रवाई हो। सरकार पॉलिसी लेवल पर भी बदलाव करे। इससे बिहार की बदनामी हो रही है। बिहार में आयोगों के पद पर तीन साल से ज्यादा समय तक कोई नहीं रहे यह सरकार सुनिश्चित करे।
