पालीगंज मुख्य सड़क पर घात लगाए अपराधियो ने बस मालिक पर की गोलियों की बौछार, आईसीयू में लड़ रहे मौत से जंग

पटना। पालीगंज में शुक्रवार की देर रात थाना क्षेत्र के मदारीपुर मुख्य सड़क पर पूर्व से घात लगाए बाइक सवार अपराधियो ने वहां से बाइक पर सवार होकर अपनी मां के साथ गुजर रहे कई बसों के मालिक के ऊपर गोलियों की बौछार कर दी। जिसके दौरान चार गोलियां लगने से घायल बस मालिक पटना के एम्स अस्पताल के आईसीयू में मौत से जंग लड़ रहा है। जानकारी के अनुसार खिरिमोड थाना क्षेत्र के पतौना गांव निवासी चिंताहरण सिंह के 35 वर्षीय पुत्र प्रेम कुमार शर्मा उर्फ छोटे सिंह कई बसों का मालिक है। जो पालीगंज में घर बनाकर रहता है। वह शुक्रवार को धान की फसल को दौनी कराने के लिए पतौना स्थित अपने घर गया था। जहां से वह धान की दौनी कराकर अपनी मां के साथ बाइक पर सवार होकर देर रात शुक्रवार को पालीगंज लौट रहा था। उसी दौरान मसौढ़ी व मदारीपुर गांव के बीच पाली मसौढ़ी मुख्य सड़क पर पूर्व से घात लगाए बाइक सवार अपराधियो ने उसे घेर लिया। अपने को अपराधियो के बीच घिरा पाकर छोटे ने तेजी से भागना चाहा पर सड़क टूटी फूटी होने के कारण भागने में असफल रहा। जिसे देख अपराधियो ने छोटे सिंह पर गोलियों की बौछार करने लगा। जिसके दौरान छोटे सिंह को पेट, हाथ व जांघ में चार गोलियां लगी। गोली लगते ही छोटे सड़क किनारे पानी मे गिर पड़ा जिसे मृत समझकर अपराधियो ने बाइक पर सवार हुआ व छोटे सिंह की मां की मोबाइल छीनकर भाग निकला। वही छोटे सिंह की मां चीखती चिल्लाती सड़क से होकर मदारीपुर की ओर भागी। जबकि घायल छोटे सिंह ने हिम्मत दिखाते हुए अपनी मोबाइल से इसकी सूचना कुछ लोगो को दिया।

वही मां की चीखने चिल्लाने की आवज सुनकर व छोटे द्वारा दी गयी सूचना पाकर सैकड़ो ग्रामीण व परिजन मौके पर पहुंचा। जिनमे से किसी ने घटना की सूचना खिरिमोड पुलिस को दिया व छोटे को इलाज के लिए पालीगंज अनुमण्डल अस्पताल लाया। जहां पहुंचकर पुलिस ने मामले की छानबीन किया। वही डॉक्टरों ने घायल छोटे की गम्भीर स्थिति को देख प्राथमिक इलाज के बाद पीएमसीएच भेज दिया। लेकिन परिजनों ने छोटे सिंह को इलाज के लिए पटना एम्स अस्पताल में भर्ती कराया। जहां छोटे सिंह आईसीयू में भर्ती है व मौत से जंग लड़ रहे है। इस सम्बंध में छोटे सिंह की मां व कुछ परिजनों ने बताया कि छोटे को जमीनी विवाद में गोली मारी गयी है। जबकि पुलिस ने बताया कि अभीतक थाने में किसी ने लिखित शिकायत नही किया है। मामले की जांच किया जा रहा है। वही ग्रामीणों का कहना है कि इस सड़क से होकर पूरी रात आवागमन होती है। एक ओर सड़क टूटी फूटी है जिसपर किसी का ध्यान नही है। जबकि सड़क निर्माण हुए पांच वर्ष भी नही बीती है। तो दूसरी ओर दो थाने की इलाका होते हुए भी इस सड़क पर किसी दिन भी पुलिस पेट्रोलिंग करती नजर नही आती है। जिसके कारण अपराधियो के मन से प्रशासन का खौफ समाप्त हो गया है।

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