शिक्षा के क्षेत्र में बिहार को श्रेष्ठ बनाने को संकल्पित हैं नीतीश : राजीव रंजन

पटना। जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि साल 2005 में जब हमारी सरकार बनी थी, तो उस समय 12.5 प्रतिशत बच्चे स्कूल से बाहर थे। अब यह घटकर एक प्रतिशत से भी कम रह गया है। करीब सभी बच्चे स्कूल जाने लगे हैं। 5वीं कक्षा के बाद गरीबी के कारण अभिभावक अपनी बच्चियों को पढ़ने के लिए स्कूल नहीं भेज पाते थे। गरीब बच्चियों को जरूरी कपड़े और अवसर नहीं मिल पाते थे। इसके लिए सरकार ने मिडिल स्कूल पोशाक योजना चलाई, जिसमें लड़कियों को दो जोड़ी कपड़े, एक जोड़ी जूती और एक बैग उपलब्ध कराया जाता है। 8वीं कक्षा से आगे बालिकाओं को पढ़ने के लिए बालिका साइकिल योजना चलाई गई।
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि बिहार में पहले 12वीं कक्षा के बाद शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों की संख्या सिर्फ 13.9 फीसदी हुआ करती थी, लेकिन इस योजना के लागू होने के बाद से यह बढ़कर 14.3 प्रतिशत हो गई है। बुनियादी शिक्षा के दायरे को वृहत करना हमारी सरकार का लक्ष्य है। इसका उद्देश्य शिक्षा के साथ-साथ रोजगार की उपलब्धता कराना भी एवं स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के माध्यम से उच्च शिक्षा प्राप्त करने में विद्यार्थियों की मदद करना है। श्री प्रसाद ने आगे कहा कि राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना चलाई। इसके तहत 10वीं की परीक्षा फर्स्ट डिवीजन से पास करने वाली लड़कियों को राज्य सरकार आर्थिक सहायता देती है। वहीं मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत इंटर पास करने वाली अविवाहित लड़कियों को 10 हजार और ग्रेजुएट पास लड़कियों को 25 हजार रुपये राज्य सरकार द्वारा दी जाती है।

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