नीतीश का तेजस्वी पर तंज : 10 लाख नौकरी दोगे तो पैसा जेल से लाओगे…?

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में नेताओं की चुनावी सभाओं में आरोप-प्रत्यारोपों की बौछारें होने लगी है। दावे-प्रतिदावे किए जा रहे हैं। इसी क्रम में मंगलवार को जदयू सुप्रीमो व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गोपालगंज के भोरे विधानसभा क्षेत्र में आयोजित जनसभा में तेजस्वी यादव पर हमला बोला।
सीएम नीतीश ने गोपालगंज जिले के गांधी स्मारक उच्च विद्यालय भोरे में एनडीए प्रत्याशी सुनील कुमार और कुचायकोट के अमरेंद्र कुमार पांडेय उर्फ पप्पू पांडेय के समर्थन में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ लोग 10 लाख नौकरी देने का वादा कर रहे हैं। लेकिन यह नहीं बता रहे हैं कि इसके लिए आखिर पैसा कहां से आएगा। जिसके लिए जेल गए, उसी पैसे को निकालकर नौकरी देंगे क्या?
नीतीश यहीं नहीं रूके उन्होंने लालू-राबड़ी के शासनकाल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पति-पत्नी के 15 वर्षों के शासनकाल में शाम होते ही घरों से बाहर निकलने की लोगों की हिम्मत नहीं होती थी। उनके शासन में बिहार में कई सामूहिक नरसंहार हुए, लेकिन हमने एनडीए शासनकाल में कानून का राज स्थापित किया। वर्ष 2018 के भारत सरकार के आंकड़े के अनुसार ही पहले जहां कानून-व्यवस्था के मामले में बिहार निचले पायदान पर था, वहीं अब पूरे देश में 23वें स्थान पर आ गया है। बिहार का विकास दर भी पूरे देश में सबसे अधिक 12.7 प्रतिशत प्रति वर्ष हो गया है।
एनडीए शासनकाल की उपलब्धियों का जिक्र
सीएम नीतीश ने अपने 15 वर्षों के शासनकाल की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि पति-पत्नी के शासनकाल में महिलाओं को कोई इज्जत नहीं मिलती थी। हमने पंचायतों और नगर निकायों में उनके लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की। पहले महादलितों के बच्चे बड़ी संख्या में स्कूल नहीं जा पाते थे। आज आउट आॅफ स्कूल बच्चों की संख्या आधा प्रतिशत ही रह गई है। अस्पतालों में भी काफी सुधार हुआ है। नीतीश कुमार ने आगे कहा कि बिहार के हर जिले में इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक, महिला आईटीआई और एएनएम संस्थान खोले जा रहे हैं। उच्च शिक्षा के लिए गरीब लोगों के बच्चों को चार लाख रुपए तक का क्रेडिट कार्ड दिया जा रहा है। बच्चों को कुशल बनाने के लिए आज कुशल युवा कार्यक्रम के तहत संवाद कौशल,व्यवहार कौशल आदि कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। पहले पुलिस बल में महिलाओं की नियुक्ति नहीं होती थी। आज प्रतिशत महिलाएं पुलिस में काम कर रही हैं। बिजली के मामले में भी काफी सुधार हुआ है। घर-घर शौचालय काम पूरा कर लिया गया है। पक्की गली नली योजना का निर्माण चल रहा है।

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