जो धान और गेहूं के बाली में फर्क नहीं समझते, वे किसान चौपाल लगा रहे : चित्तरंजन

पटना। राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि जो लोग धान और गेहूं के बाली में भी फर्क नहीं समझते हैं और आज तक कभी खेतों के मेड़ पर नहीं गये हैं, वे किसानों का चौपाल लगाकर नये कृषि कानूनों की व्याख्या कर रहे हैं।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि नीतीश सरकार ने तो बिहार के किसानों को मजदूर बना हीं दिया है, अब केन्द्र सरकार उन्हें मजदूर से भिखारी बनाने पर तुली हुई है। भाजपा नेताओं द्वारा बड़े जोर-शोर से यह प्रचारित किया जा रहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर शुक्रवार को प्रधानमंत्री देश के 9 करोड़ किसानों के खाते में किसान सम्मान योजना के तहत 18,000 करोड़ रुपया स्थानांतरित करेंगे। यानी प्रत्येक किसान के खाते में चार महीने के लिए एकमुश्त 2000 रुपए स्थानांतरित होंगे। एक महीने के लिए मात्र 500 रूपया, अर्थात एक दिन में एक मजदूर को जितना मजदूरी मिलता है, उतना ही पैसा एक किसान को एक महीने के लिए सम्मान के रूप में सरकार दे रही है, एक दिन के लिए 17 रूपया से भी कम।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा नेताओं को बताना चाहिए कि किसानों को प्रतिदिन 17 रूपया से भी कम देकर वह किसानों का सम्मान कर रही है या किसानों को भिखारी समझ रही है। कहा कि जिन लोगों को कृषि के बारे में एबीसीडी की जानकारी नहीं है, वे आज किसानों का चौपाल लगाने का नाटक कर रहे हैं और उनके ही नेता उन्हें खुले मंच से गालियां भी दे रहे हैं।

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