BIHAR : कैबिनेट विस्तार को लेकर सियासी पारा चरम पर, BSP को लगेगा झटका!

पटना। बिहार चुनाव में मात्र एक सीट जीतने वाली मायावती की बहुजन समाज पार्टी को बड़ा झटका लगने के कयास लगाए जा रहे हैं। बिहार में कैबिनेट विस्तार को लेकर सियासी पारा चरम पर है और संभावना है कि खरमास के बाद यानि 14 जनवरी के बाद नीतीश कैबिनेट का विस्तार हो सकता है, जिसमें कई नए व कुछ पुराने चेहरे देखने को मिल सकते हैं। खबर यह भी है कि कैबिनेट विस्तार में संख्या पर विवाद जारी है। जदयू-भाजपा दोनों पार्टी प्लान बना रही है। जदयू आधी कैबिनेट में आधी भागीदारी की मांग कर रही है।
इस बीच बसपा के एक मात्र विधायक जमां खान के जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह बीते शुक्रवार को हुई मुलाकात के बाद राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि जमांं खान जदयू में शामिल हो सकते हैं। वशिष्ठ नारायण सिंह से मुलाकात के बाद बसपा विधायक जमां खान ने कहा कि हम नीतीश सरकार को समर्थन कर रहे हैं। हालांकि मुलाकात के बारे में जमां खान ने ज्यादा कुछ नहीं कहा।
इधर, सूत्र बताते हैं कि अगर जमा खां जदयू में शामिल होते हैं तो उन्हें मंत्री पद मिल सकता है। जमांं खान को अल्पसंख्यक कल्याण या कोई और महत्वपूर्ण विभाग दिया जा सकता है। हालांकि जमां खान और जदयू के बीच अभी फाइनल बातचीत नहीं हुई है। वैसे भी जदयू विभिन्न दलों से जीत कर आए विधायकों को पार्टी में शामिल करने से थोड़ी भी परहेज करने के मूड में नहीं हैं। पूर्व में चकाई के निर्दलीय विधायक सुमित सिंह जदयू में शामिल हो चुके हैं। सूत्र बताते हैं कि जदयू का ऐसा मानना है कि उनके पास जितना अधिक विधायकों का संख्या बल होगा, उतना ही जदयू के लिए फायदा होगा। क्योंकि सरकार में एनडीए की सहयोगी भाजपा सबसे ज्यादा सीट लाकर मुख्यमंत्री को सीएम की कुर्सी पर बैठाया है। जबकि जदयू मात्र 43 सीट पर सिमट कर रह गई है। ऐसे में संभावना यह भी जतायी जा रही है कि आने वाले दिनों में कहीं भाजपा प्रेशर पॉलिटिक्स न करने लगे।

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