किसानों के नाम पर विपक्षी दल कर रहे हैं राजनीति, पेट में हो रहा दर्द : अश्विनी चौबे

भागलपुर। केंद्र सरकार प्रत्येक देशवासियों को बिना किसी परेशानी के कोरोना वैक्सीन उपलब्ध हो, इसके लिए संकल्पित है। इसे ध्यान में रखकर विभिन्न पहलुओं पर काम किया जा रहा है। बैठकों का सिलसिला जारी है। प्रधानमंत्री खुद सभी बिंदुओं पर समीक्षा कर रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने भागलपुर सर्किट हाउस में सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में उक्त बातें कही।
उन्होंने कहा कि हाल ही में कोरोना वैक्सीन की मौजूदा स्थिति एवं वितरण पर प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बैठक हुई थी। इसमें वितरण की विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई। कोरोना वैक्सीन को लेकर प्रधानमंत्री बारीकियों से सभी बिंदुओं की समीक्षा की है। यह सिलसिला जारी है। प्रत्येक देशवासियों तक सहूलियत से वैक्सीन पहुंच सके, इसके लिए बैठक और समीक्षा लगातार की जा रही है। राज्यों से भी सुझाव मांगे गए हैं। नीति आयोग ने भी अपना प्रेजेंटेशन दिया है। चौबे ने कहा कि भारत में सफलतापूर्वक कई बीमारियों का टीकाकरण हुआ है। स्वास्थ्य मंत्रालय के पास टीकाकरण कार्यक्रम का एक अच्छा अनुभव रहा है। उन्होंने बताया कि वैक्सीन ट्रायल का थर्ड फेज कई जगह शुरू हो गया है। पटना एम्स में शुरू होने वाला है। अभी तक के परिणाम सकारात्मक है। यथाशीघ्र वैक्सीन उपलब्ध हो, इसके लिए युद्धस्तर पर कार्य हो रहा है।
किसानों के नाम पर विपक्षी दल कर रहे हैं राजनीति
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने आगे कहा कि कांग्रेस, राजद एवं अन्य विपक्षी दलों ने वर्षों तक किसान भाईयों को ठगने का काम किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृढ़ इच्छाशक्ति की वजह से आज देश में नए कृषि सुधार कानून बने है। 21वीं सदी में भारत का किसान बंधनों में नहीं बल्कि खुलकर खेती करेगा। पहले हमारे किसानों का बाजार सिर्फ स्थानीय मंडी तक सीमित था, उनके खरीदार सीमित थे, बुनियादी ढांचे की कमी थी और मूल्यों में पारदर्शिता नहीं थी। इस कारण उन्हें अधिक परिवहन लागत, लंबी कतारों, नीलामी में देरी और स्थानीय माफिया की मार झेलनी पड़ती थी। अब उन्हें राष्ट्रीय बाजार में अवसर मिलने के साथ-साथ बिचौलियों से सही मायनों में मुक्ति मिल रही है। किसानों का एक देश-एक बाजार का सपना भी पूरा हो रहा है, तो कांग्रेस व विपक्षी दलों के पेट में दर्द हो रहा है। दशकों तक किसानों को कानून की जंजीरों में जकड़कर रखने वाले लोग, आज किसानों को मिली आजादी से बेचैन होकर उनके नाम पर देश में राजनीति कर रहे हैं।

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