BIHAR : इस वर्ष धान अधिप्राप्ति का न्यूनतम लक्ष्य 45 लाख मीट्रिक टन, साधारण धान 1868 तथा ए ग्रेड धान 1888 रुपए प्रति क्विंटल

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 1 अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में धान अधिप्राप्ति हेतु समीक्षात्मक बैठक की। बैठक के दौरान सहकारिता सह खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव विनय कुमार ने अपने प्रस्तुतीकरण के दौरान बताया कि धान अधिप्राप्ति का न्यूनतम लक्ष्य इस वर्ष 45 लाख मीट्रिक टन रखा गया है। साथ ही साधारण धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1868 रुपए प्रति क्विंटल तथा ए ग्रेड धान का 1888 रुपए प्रति क्विंटल रखा गया है। उन्होंने खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 की धान अधिप्राप्ति की अवधि, वर्ष 2015-16 से 2020-21 तक धान अधिप्राप्ति विवरण, क्रियाशील पैक्स/व्यापार मंडल आदि की विस्तृत जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि हमलोगों का उद्देश्य है कि किसानों की उपज की अधिक से अधिक अधिप्राप्ति हो और इसका सीधा लाभ किसानों को मिले। वर्ष 2005 के पहले प्रोक्योरमेंट नहीं होता था, हमलोगों ने पैक्स की शुरूआत करायी और पैक्स के माध्यम से अधिप्राप्ति करायी जाने लगी, जिससे किसानों को लाभ पहुंचा। इस वर्ष अच्छी फसल हुई है जिस कारण पहले से अधिक अधिप्राप्ति की संभावना है। अधिक से अधिक किसानों को धान अधिप्राप्ति के लिए प्रेरित करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि विभाग की साइट पर जो निबंधित किसान हैं उन्हें स्वत: निबंधित मानकर अधिप्राप्ति के लिए योग्य समझा जाय। सहकारिता विभाग को किसानों का अलग से निबंधन करने की जरूरत नहीं है। अधिक से अधिक किसान अपनी फसल की अधिप्राप्ति करा सकें और हमलोग अधिक से अधिक उपज की खरीद कर सकें। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में भंडारण की समुचित व्यवस्था रखें और धान की स्टोरेज के साथ ही उनके रिसाइकलिंग की भी उचित व्यवस्था रखें। रैयत किसानों की धान अधिप्राप्ति की अधिकतम सीमा को 200 क्विंटल से बढ़ाकर 250 क्विंटल किया जाय, साथ ही गैर रैयत किसानों की धान अधिप्राप्ति की अधिकतम सीमा को 75 क्विंटल से बढ़ाकर 100 क्विंटल किया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन पैक्सों पर अनियमितता के आरोप हैं और उन पर प्राथमिकी दर्ज हुयी है तो उसकी पूरी जांच होनी चाहिये और दोषी को सजा मिलनी चाहिये। सभी जिलाधिकारी पुलिस अधीक्षक के साथ इसकी समीक्षा कर लें। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि जिन पैक्सों ने बकाये राशि का भुगतान कर दिया है उन्हें अधिप्राप्ति की इजाजत मिलनी चाहिये।
मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि जिन पैक्सों पर अनियमितता के आरोप थे, वहां फिर से चुनाव हो गए हैं और वो आरोपी पैक्स अध्यक्ष चुनाव में निर्वाचित नहीं हुआ है तो वहां निर्वाचित नए पैक्स अध्यक्ष को कार्य करने की इजाजत मिलनी चाहिये। उन्होंने कहा कि जो पैक्स फंक्शनल नहीं है, उसके बगल के पैक्स या व्यापार मंडल में जहां सुविधा हो। जिलाधिकारी अपने स्तर से आंकलन कराकर उस क्षेत्र के किसानों की धान अधिप्राप्ति सुनिश्चित करायें। उन्होंने कहा कि धान की अधिप्राप्ति कराने वाले किसानों के खाते में निर्धारित समय सीमा के अंदर राशि अंतरित करायें। जिलाधिकारी औचक निरीक्षण कर पैक्सों का विजिट करें, साथ ही किसानों से बातें करें और उसके आधार पर उनकी शिकायतों एवं समस्यों का समाधान करें। विभाग के वरीय पदाधिकारी भी फील्ड में जाकर औचक निरीक्षण करें। वहीं समीक्षा बैठक में सभी जिलों के जिलाधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़कर धान अधिप्राप्ति से संबंधित अद्यतन प्रगति से मुख्यमंत्री को अवगत कराया।
बैठक में ऊर्जा सह खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, कृषि सह सहकारिता मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, सहकारिता सह खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव विनय कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, निबंधक सहकारिता राजेश मीणा सहित अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधान सचिव वित्त एस .सिद्धार्थ भी जुड़े हुये थे।

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