फतुहा : RTPS काउंटर पर कर्मियों द्वारा उड़ायी जा रही थी नियमों की धज्जियां, जबरन मांगा जा रहा था एफिडेविट

फतुहा। जहां एक ओर कोरोना संकट काल में प्रखंड कार्यालय के आरटीपीएस काउंटर के बाहर ग्रामीणों की लंबी भीड़ द्वारा कोरोना से बचाव में बने नियमों की अनदेखी की जा रही थी, वहीं आरटीपीएस काउंटर के अंदर कर्मियों द्वारा भी बिना किसी सरकारी आदेश के नियमों की धज्जियां उड़ायी जा रही थी। कर्मी राशन कार्ड बनवाने वाले आवेदकों से आवेदन के साथ जबरन एफिडेविट की मांग कर रहे थे। इस मांग से प्रखंड के दूरदराज क्षेत्र से आए लाभुकों की परेशानी बढ़ रही थी। बिना एफिडेविट के उनके आवेदन को कर्मियों द्वारा वापस लौटा दिया जा रहा था। इससे राशन कार्ड के लिए आवेदन जमा करने वाले आक्रोशित हो गये और हंगामा करने लगे। ग्रामीणों के अनुसार, आवेदन के साथ आधार कार्ड की छाया प्रति व स्वयं का शपथ पत्र दिया जा रहा है। उसके बावजूद भी कर्मी द्वारा जबरन न्यायालय का एफिडेविट मांग कर लोगों को परेशान किया जा रहा है, जबकि इस तरह की कोई सरकारी आदेश नहीं है। इसके लिए लोगों को पटना सिटी अनुमंडल कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है तथा एक एफिडेविट बनवाने में चार से पांच सौ रुपए खर्च हो जाते हैं। जब आरटीपीएस काउंटर पर हंगामा होने की खबर पत्रकारों तक पहुंची तो अनुमंडल पदाधिकारी से इस संदर्भ में संपर्क साधा गया।
अनुमंडल पदाधिकारी ने बताया कि राशन कार्ड के आवेदन के साथ एफिडेविट का लेना अनुचित है। उनके अनुसार आवेदन के जांच के बाद ही राशन कार्ड बनाया जाता है। इसके बाद बीडीओ मृत्युंजय कुमार से भी पूछा गया तो कर्मियों के द्वारा ली जा रही एफिडेविट को गलत बताया। इसके बाद बीडीओ के आदेश पर कर्मियों ने बिना एफिडेविट के लोगो से आवेदन लेना शुरू कर दिया। कर्मियों के अनुसार, पिछले तीन दिन में कुल 602 आवेदन एफिडेविट के साथ जमा कराया गया है। वैसे देखा जाए तो हजारों की तादाद में लोग राशन कार्ड बनवाने हेतु अपना आवेदन जमा करने आए थे लेकिन सभी को एफिडेविट की मांग पर वापस कर दिया जा रहा था। बीडीओ मृत्युंजय कुमार ने बताया कि अब किसी आवेदक से एफिडेविट नहीं लिया जाएगा। तब जाकर आवेदकों की नाराजगी खत्म हुई।

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