अरूणाचल की आंच बिहार की सियासत पर : क्या बिहार में रहेगी भाजपा-जदयू की जोड़ी?, नीतीश ने कहा- मुझे न सीएम रहने की इच्छा थी, न बची
पटना (संतोष कुमार)। अरूणाचल प्रदेश में घटी सियासी घटनाक्रम की आंच बिहार की सियासत में देखने को मिल रही है। बीते दिनों अरूणाचल प्रदेश में जदयू के 7 में से 6 विधायकों को भाजपा में शामिल किए जाने के बाद से भाजपा-जदयू आमने-सामने आ गए हैं। सवाल उठने लगे हैं कि क्या बिहार में भाजपा-जदयू की जोड़ी रहेगी? एनडीए के दोनों घटक दल बिहार में पांच साल सरकार का कार्यकाल पूरा कर पाएंगे? सियासी गलियारे में यह चर्चा जोर पकड़ने लगी है। हालांकि भाजपा की ओर से इस बाबत कुछ ऐसा-वैसा बयान सामने नहीं आया है, जिससे गठबंधन के सांच पर आंच आए। हालांकि सियासी गलियारे में चर्चा है कि भाजपा-जदयू नेताओं के बीच संपर्क भंग हो गया है। दोनों दलों के बीच कोई बातचीत नहीं हो रही है। कहा तो यह भी जा रहा है कि यह मामला अब सीधे भाजपा हाईकमान के पास चला गया है। बता दें बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा को सबसे अधिक सीटे मिली थी, जबकि जदयू मात्र 43 सीटों पर सिमट गई थी। जदयू को डैमेज करने में लोजपा की मुख्य भूमिका थी। इसके बाद बिहार में भाजपा के सीएम को लेकर आवाज उठनी शुरू हो गई थी, लेकिन भाजपा नेताओं ने नीतीश कुमार को ही सीएम बने रहने की बात कही थी।
इधर, जदयू ने बिना नाम लिए रविवार को कह दिया है कि अब किसी को ऐसा मौका नहीं देंगे कि कोई पीठ में छुरा भोंक सके। वहीं एक बार फिर जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि मुझे अब मुख्यमंत्री नहीं रहना है, मुझे न सीएम रहने की इच्छा थी, न बची। नीतीश कुमार के इस बयान के बाद विपक्ष की भविष्यवाणी सही होती नजर आ रही है। वहीं बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है।
बता दें रविवार को बिहार की सियासत अचानक से गर्म हो गई। पटना में जदयू की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक संपन्न हो गई। सीएम नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कहा कि मुझे न सीएम रहने की इच्छा थी, न बची। एनडीए गठबंधन जिसे चाहे बना दें सीएम। बीजेपी का ही सीएम हो। मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मुझे किसी पद का मोह नहीं है। नीतीश कुमार ने बैठक को संबोधित करने हुए कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के बाद मैंने अपनी इच्छा व्यक्त कर दी थी। मुझे सीएम बनने की इच्छा नहीं थी। लेकिन मुझ पर काम करने के लिए दबाव था।
जदयू ने कहा, बीजेपी ने अच्छा नहीं किया
सियासी गहमागहमी के बीच जदयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि जदयू ने अरूणाचल प्रदेश की घटना पर क्षोभ व्यक्त किया है। जदयू के छह विधायकों को भाजपा ने मंत्रिमंडल में शामिल करने की बजाय उन्हें अपने दल में ही शामिल कर लिया है। यह अच्छा नहीं किया। हमें इसपर बेहद दुख है। यह गठबंधन की राजनीति के लिए अच्छा संकेत नहीं है। बीते शनिवार को बैठक में जाने से पहले जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी के बयान पर भाजपा और जदयू के बीच तलिख्यां बढ़ी हुई दिखी। त्यागी ने कहा था कि अरुणाचल में भाजपा ने जो किया वो अमित्रतापूर्ण व्यवहार है। इस बयान पर भाजपा प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल ने पलटवार करते हुए कहा था कि जदयू को अपने विधायकों को कंट्रोल में रखना चाहिए, वे हम पर बेवजह दोष मढ़ रहे हैं।