पटना के सैदपुर नाले से युवक का शव मिलने से हड़कंप, मारपीट के बाद हत्या की आशंका

पटना। बिहार की राजधानी पटना के सैदपुर इलाके में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब एक युवक का शव नाले में पड़ा मिला। यह घटना प्रोफेसर कॉलोनी, शाहगंज नहर रोड स्थित सरगम कम्युनिटी हॉल के पास की है, जहां स्थानीय लोगों ने नाले में युवक की लाश देखी। शव को देखते ही लोगों में सनसनी फैल गई और तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी गई।
हत्या या हादसा, जांच में जुटी पुलिस
इस मामले में दो तरह की आशंकाएं सामने आई हैं। पहली यह कि युवक की पहले पिटाई की गई और फिर उसकी हत्या कर शव को नाले में फेंक दिया गया। वहीं दूसरी संभावना यह भी जताई जा रही है कि युवक का संतुलन बिगड़ गया और वह खुद ही नाले में गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि युवक नाले के किनारे से गुजर रहा था और अचानक गिर पड़ा। आसपास मौजूद लोग उसे बचाने दौड़े लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है ताकि मौत की असली वजह स्पष्ट हो सके।
सीसीटीवी फुटेज से होगा राज़ से पर्दा
फिलहाल युवक की पहचान नहीं हो सकी है। पुलिस का कहना है कि आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की जा रही है, जिससे घटना की सच्चाई सामने आ सके। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि कहीं युवक के साथ किसी तरह की मारपीट या झगड़ा तो नहीं हुआ था। युवक की पहचान होते ही उसके परिजनों को सूचित किया जाएगा और आगे की कार्रवाई की जाएगी।
नगर निगम की लापरवाही पर फूटा गुस्सा
इस घटना के बाद स्थानीय लोग काफी आक्रोशित नजर आए। लोगों का कहना है कि यह नाला काफी समय से खुला हुआ है और इस रास्ते से रोजाना सैकड़ों लोग गुजरते हैं। खासतौर पर बारिश के समय या रात के अंधेरे में यह नाला जानलेवा बन जाता है। स्थानीय लोगों ने कई बार नगर निगम और प्रशासन से इस नाले को ढंकने की मांग की थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
गंभीर सुरक्षा चूक की ओर इशारा
इस हादसे ने एक बार फिर शहरी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे की बदहाली और प्रशासन की उदासीनता को उजागर कर दिया है। लोगों का कहना है कि यदि समय रहते सुरक्षा इंतजाम किए गए होते, तो युवक की जान बचाई जा सकती थी। घटना के बाद स्थानीय लोगों ने प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया और नाले को जल्द से जल्द ढंकने की मांग की।
भविष्य में ऐसे हादसों से बचाव की जरूरत
इस दुखद घटना ने यह साफ कर दिया है कि शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक सुरक्षा को लेकर अब भी गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। नालों, गड्ढों और जर्जर सड़कों की समय पर मरम्मत न होना जानलेवा साबित हो सकता है। प्रशासन को चाहिए कि वह इस मामले को चेतावनी के रूप में ले और ऐसे सभी खुले नालों को जल्द से जल्द सुरक्षित बनाए, ताकि भविष्य में किसी और की जान न जाए। इस पूरी घटना ने न केवल एक जान जाने का दुखद पहलू उजागर किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि बुनियादी नागरिक सुविधाओं में सुधार कितना जरूरी है। पुलिस की जांच और प्रशासन की जवाबदेही से ही इस मामले में न्याय मिल सकेगा और भविष्य की घटनाओं को रोका जा सकेगा।

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