वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे : समय पर हो इलाज तो बच सकती है ब्रेन ट्यूमर के मरीजों की जान, जानें क्या है लक्षण

पटना। ब्रेन ट्यूमर में मस्तिष्क की कोशिकाओं और ऊतकों में धीरे-धीरे गांठ बनने लगती है। जिसे ट्यूमर कहा जाता है। जब यह मस्तिष्क के भीतर बनता है, तो उसे ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है। यदि समय पर इसका इलाज न हो तो यह जानलेवा हो सकता है। ये बातें मंगलवार को वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे की पूर्व संध्या पर जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के न्यूरो सर्जन डॉ. असुवि कुंजन ने कहीं। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में ब्रेन ट्यूमर का कारगर और बेहतर इलाज उपलब्ध है लेकिन इसके लिए समय पर इलाज शुरू करना जरूरी है।
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण दिखें तो तुरंत कराएं जांच
न्यूरो सर्जन डॉ. असुवि ने बताया कि ब्रेन ट्यूमर के लक्षण अगर दिखें तो डॉक्टर से मिलकर इसकी जांच तुरंत करवानी चाहिए। इसके लक्षणों में सिर में लगातार दर्द रहना, बार-बार मिर्गी के झटके आना, हाथ-पैर में कमजोरी महसूस करना, तनाव में आना, याददाश्त कमजोर होना, चिड़चिड़ापन होना, कम सुनाई देना, बोलने में दिक्कत होना, आंखों की रोशनी जाना, बार-बार बेहोश हो जाना आदि शामिल हैं। इसके लक्षणों को नजरंदाज नहीं करना चाहिए।
ब्रेन ट्यूमर के दो प्रकार होते हैं
उन्होंने बताया कि ब्रेन ट्यूमर के दो प्रकार होते हैं। इसमें पहला ब्रेन के ही टिश्यू से बनता है, वहीं दूसरा कहीं और ट्यूमर होने के बाद ब्रेन में फैल जाता है। इस बीमारी का उपचार परीक्षण और लक्षणों की जांच के बाद पता चलता है। ब्रेन ट्यूमर का पता सिटी स्कैन, एमआरआई आदि जांच से लगाया जा सकता है। इन दिनों ब्रेन ट्यूमर का प्रारंभिक अवस्था में पता चलने पर संपूर्ण इलाज संभव हो गया है। वे बताते हैं कि सर्जरी, रेडियोथेरेपी और दवाओं से इस रोग का इलाज होता है। रोगी की स्थिति के अनुसार उपचार किया जाता है। वैसे तो ब्रेन ट्यूमर के लिए बेहतर और आधुनिक तकनीक आ गयी है जिससे इसका इलाज करना आसान हो गया है।

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