भाजपा की महिला विरोधी मानसिकता का परिणाम है मणिपुर की घटना, इससे देश का माथा शर्म से झुका : जदयू

पटना। मणिपुर की हिंसा में महिलाओं पर हो रही ज्यादती पर क्षोभ प्रकट करते हुए जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज कहा है कि मणिपुर में महिलाओं की इज्जत के साथ खुलेआम हो रहे खिलवाड़ ने देश का माथा शर्म से झुका दिया है। इस अमानवीय घटना से पूरा देश गुस्से और आक्रोश से भरा हुआ है। यह दिखाता है कि भाजपा के राज में कोई सुरक्षित नहीं है। विशेषकर महिलाओं में जबर्दस्त भय का माहौल है। घटना के लिए भाजपा की उन्मादी राजनीति को जिम्मेदार ठहराते हुए जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि इतिहास गवाह है कि जब जब भाजपा की पकड़ किसी राज्य में कमज़ोर पड़ती है तब तब वहां हिंसक वारदातें बढ़ जाती हैं। आज मणिपुर में वही सब दोहराया जा रहा है। जनता में पनपते आक्रोश को देखते हुए भाजपा वहां दो वर्गों को आपस में लड़वा रही है। अभी तक यह संघर्ष सैंकड़ों लोगों के प्राण लील चुका है। महिलाओं की सरेआम इज्जत लूटी जा रही है। बच्चे अनाथ हो रहे हैं। वहीं हजारों परिवारों को अपना घर-बार छोड़ कर भागना पड़ा है। बच्चों की पढ़ाई छूट चुकी है, लोगों के व्यवसाय बंद हो गये हैं, लेकिन भाजपा की सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाये जाने की घटना ने भाजपा के महिला विरोधी चेहरे को एक बार फिर बेनकाब कर दिया है। यह वही लोग हैं जिन्होंने गुजरात में बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप करने वाले दुर्दांत अपराधियों को बेल दिलवा कर उन्हें सम्मानित किया था। इन्हीं के राज में नामचीन महिला खिलाड़ियों को यौन शोषण के खिलाफ केस दर्ज करवाने तक के लिए धरने पर बैठना पड़ा था। इन्हीं के राज में हाथरस में एक दलित बच्ची का बलात्कार कर हत्या कर दिया गया था और इनकी पुलिस ने अपराधियों को बचाने के लिए रातोंरात उसके शव को जलवा दिया था। आज भी यह लोग न्याय का इंतजार कर रहे हैं। भाजपा नेताओं को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि बिहार, झारखंड और राजस्थान जैसे राज्यों में समान्य आपराधिक वारदात होने पर भी भाजपा के लोग छाती कूटने लगते हैं, लेकिन मणिपुर में हो रहे जघन्य कांडों पर इनके मुंह से बोल नहीं फूट रहे हैं। भाजपा को यह बताना चाहिए कि आखिर मणिपुर के लोगों का कसूर क्या है? क्यों उनके नेताओं कि संवेदना मणिपुर के लोगों के साथ नहीं है? उन्हें बताना चाहिए कि आखिर उनकी ममता सिर्फ उन्हीं राज्यों के लोगों के लिए क्यों फूटती है, जहां भाजपा विपक्ष में होती है? वह बताएं कि क्या भाजपा शासित राज्यों के लोगों को जीने का कोई अधिकार नहीं है?

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