अग्निपथ विरोध पर क्यों चुप हैं सीएम नीतीश, बिहार सरकार को भी इस योजना से एतराज़, नीरज कुमार बोले- स्थिति स्पष्ट करें केंद्र

पटना। अग्निपथ योजना के विरोध में बिहार चार दिन से जल रहा है। अबतक 15 ट्रेने फूंक दी गई। कई जिलों में तोड़-फोड़, आगजनी, लूटपाट, मारपीट सब कुछ हो रहा है। मगर, राज्य सरकार चुप है। इस सवाल का जवाब है- सरकार को भी नही पसंद है अग्निपथ योजना। इसलिए केंद्र सरकार को सत्तारुढ दल जदयू ने सलाह दे डाली, इस पर फिर से विचार हो लेकिन, हिंसा करने वालों के खिलाफ कोई सख्त एक्शन नही लिया। केवल बिहार लॉ एंड ऑर्डर एडीजी के तरफ से बयान आया कि उपद्रवियों को नही छोडेंगे। बिहार के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर संजय सिंह ने कहा कि अग्निपथ के विरोध करने वालों पर यदि FIR हुआ तो किसी पथ के लिए नही बचेंगे। विपक्षी दलों ने शनिवार को बिहार बंद का कर दिया। सरकार के तरफ से कोई सूचना नही आयी। वही बंदी को खामोश रहकर सत्तारुढ़ दल की मुख्य पार्टी जदयू ने समर्थन कर दिया।
सीएम नीतीश के है पास गृह विभाग, पर अबतक कोई मीटिंग नही की गई
बिहार का गृह विभाग सीएम नीतीश कुमार के पास है। इस उपद्रव को देखते हुए उन्हे पुलिस से लेकर प्रशासनिक महकमे को अलर्ट पर ऱकना चाहिए था। लेकिन, अबतक सीएम ने इसको लेकर कोई मीटिंग नही की है। वही अब कहा जा रहा हैं की राज्य सरकार भी चाहती है कि केंद्र सरकार अग्निपथ योजना को वापस ले। इसके बावजूद कई सवाल ऐसे है जिनका जवाब आम लोगों को मिल रहा है। पिछले चार दिनों से बिहार में उपद्रवियों ने आग लगा रखी है। चार दिन बाद सरकार के तरफ से बस इतना बयान आया कि यदि विरोध करने वालों पर FIR हुआ तो वो कही के नही बचेंगे। वहीं, सरकार के तरफ से बस इतना किया गया है कि बंद के कॉल के मद्देनजर एहतियातन मुख्य जगहों पर एक्स्ट्रा पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। वही कुछ के वीडियो भी सामने आए लेकिन सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
जदयू अग्निपथ योजना पर कर रही स्पष्टीकरण की मांग
वही जदयू ने बंद का समर्थन तो नहीं किया है लेकिन, केंद्र सरकार अग्निपथ योजना का भी समर्थन नहीं किया है। जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार बताते है कि इस योजना को लेकर केंद्र सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। इस योजना को लेकर कई लोगों में भ्रम की स्थिति है। ऐसे में यदि लोग समझ नहीं पा रहे हैं तो केंद्र सरकार अविलंब स्थिति स्पष्ट करना चाहिए। बंद करने का समर्थन जदयू नहीं करता है और न ही उपद्रव का ही समर्थन करता है।

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