हमारे परिवार से डरकर पीएम दे रहे अनर्गल बयान, आरक्षण की घोर विरोधी है बीजेपी : तेजस्वी यादव

  • बीजेपी पर हमला, कहा- वे लोग आरक्षण विरोधी, हमने दिया 75% रिजर्वेशन, भाजपा वालों ने नहीं किया 9वीं अनुसूची में शामिल

पटना। मंगलवार को लालू प्रसाद यादव ने एक समारोह में मुसलमान को आरक्षण देने की बात कही जिस पर बिहार की राजनीति गर्म हो गई है। बीजेपी और एनडीए के तमाम घटक दल इस बात को लेकर राष्ट्रीय जनता दल और इंडिया गठबंधन पर हमलावर है इसी बीच बुधवार को तेजस्वी यादव ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि लालू प्रसाद यादव जी पर बोलना बीजेपी और एनडीए की पुरानी आदत है प्रधानमंत्री मोदी हमारे और हमारे परिवार पर बात किए बिना रह नहीं सकते। बात यह है कि चुनाव का माहौल देखकर प्रधानमंत्री मोदी को भी अब लगने लगा है कि अब बड़ी उनके हाथ से निकल गई है और इस कारण से ही वह अब हमारे परिवार के लोगों पर हमलावर है क्योंकि वह हमारे परिवार से डर गए हैं। आप खुद देखिए कि पीएम दूसरे राज्य में जाकर मुझे गाली देते हैं। तो सही बात तो यह है कि वह लोग खुद हमसे डरे हुए हैं और हमसे भयभीत हैं। मंडल कमीशन हमने लागू करवाया है। ये हमसे बड़े और असली ओबीसी नहीं ना हैं? हमसे ज्यादा गरीबों, पिछड़ों और दलितों की समझ इनको नहीं है। आरक्षण के मुद्दे पर पारा अपने चरम पर है। और जमकर सियासी बयानबाजी हो रही है। हमने तो पहले ही बोला की वो पीरजादे हैं कुछ भी कह सकते हैं। इसके आगे तेजस्वी ने कहा कि बीजेपी विशुद्ध रूप से आरक्षण विरोधी है। बिहार में मात्र 17 महीनों में हमारी सरकार ने राजद के सामाजिक न्याय, नीतियों एवं प्रतिबद्धता के चलते देश में प्रथम बार जातिगत गणना करवाने तथा आरक्षण सीमा बढ़ाकर 75 करने का ऐतिहासिक कार्य किया। हमारी पहल पर ही बिहार कैबिनेट ने राज्य सरकार की नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में वंचित जातियों का आरक्षण 50 से बढ़ाकर 65 प्रतिशत किए जाने संबंधी संशोधित प्रावधानों को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार से बारम्बार अनुरोध किया। लेकिन आरक्षण विरोधी बीजेपी सरकार ने गलत मंशा के चलते अभी तक इसे 9वीं अनुसूची में नहीं डाला है। वहीं, तेजस्वी ने कहा कि हम तो पहले से ही कहते रहे हैं कि कर्पूरी ठाकुर ने सभी लोगों को आरक्षण दिया है। तो इसमें अलग क्या है। जब हमारी सरकार थी तो वहां महागठबंधन का तो किसका किसका आरक्षण बढ़ा यह भी देख लीजिए आप। मोदी सरकार ने देशभर में जातिगत जनगणना कराने के हमारे प्रस्ताव को कभी भी स्वीकृति ही नहीं दी बल्कि जातिगत जनगणना रुकवाने के लिए  अर्थात् देश के “सॉलिसिटर जनरल” को भी सुप्रीम कोर्ट में खड़ा किया। इससे स्पष्ट होता है की बीजेपी और मोदी सरकार एकदम आरक्षण, वंचित वर्गों के उत्थान एवं उत्थान दलित, पिछड़ा, आदिवासी, गरीब और बहुजन विरोधी है। पीएम मोदी अच्छी तरीके से जानते है कि इस बार उनका सत्ता से दूर होना तय है। इस बार बिहार के साथ देश की जनता तानाशाह सरकार को हटाना चाहती है। उधर, तेजस्वी ने बीते कल हुए तीसरे चरण के चुनाव को लेकर कहा कि तीसरे चरण के चुनाव के बाद हम लोग अच्छे पोजीशन में हैं जो लोग चुनाव से पहले कुछ और समझते थे अब तीसरे चरण के चुनाव के बाद उंगली चबाने लगे हैं। हम लोग पूरी तरह से बेफिक्र हैं क्योंकि कि चार जून को इंडिया की सरकार बनने जा रही है।

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